Tuesday, July 2, 2024
साहित्य जगत

वैवाहिक वर्षगाँठ वेद अश्विनी

भोलेबाबा को है प्रणाम,

इतना सुंदर दिन है आया।
वेद अश्विनी जी के घर में,
अतिशय सुखद हर्ष है छाया।।

छब्बीस मई इकहत्तर बना
एक नवल शुभ कारज गवाह।
तिलसहरी के अश्विनी संग,
वेदवती का पावन विवाह।।
बमरौलिया तिलसहरी युगल
गाँव दीपों से जगमगाया।
वेद अश्विनी जी के घर में,
अतिशय सुखद हर्ष है छाया।।

इक्यावन शुभ वर्ष पूर्ण कर,
देखो फिर शुभ दिवस आज है ।
राजे अंजू के उर में हैं,
उपजा कितना सुखद नाज है।
नीरज साजुल, शीलू ,पिंकी,
निधि मनीष उर भी हर्षाया।
वेद अश्विनी जी के घर में,
अतिशय सुखद हर्ष है छाया।।

विष्णु स्वाति के संग सभी हैं,
हर्षित प्यारे पोता पोती।
खिली बाल फुलवारी सारी,
बारिश मधुर प्रेम की होती।
वेद अश्विनी संग परिवार ने,
भोले को है शीश झुकाया।
वेद अश्विनी जी के घर में,
अतिशय सुखद हर्ष है छाया।।

ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
तिलसहरी, कानपुर नगर