Saturday, April 20, 2024
हेल्थ

डिग्री-लघुकथा

“निरहू ये लीजिये अपनी डिग्री की नकल और निकालिये मेरा सुखराना। बहुत मेहनत किया है इसमें तब जाकर तुम्हें तुम्हारे चार बोझ धान तुम्हें मिल पाये हैं।”

निरहू सोच रहा था..मैं जीता कि हारा..धान के बोझ तो चार वर्षों में सड़कर उड़ गये थे। अब ये डिग्री किस काम की..ऊपर से वकील साहब को दो हजार रुपये सुखराना भी दिया। डिग्री हाथ में लिये वह घर की तरफ जा रहा था।

कितने अच्छे से गृहस्थी चल रही थी। पुरानी बातें याद आ रही थीं। दोनों भाई खेत से धान का बोझ ढो रहे थे। खलिहान से वह सीधे घर आया था।

“बड़का..! तनी पानी पिलावौ..हलक सूखत है। ”

“तुहिन नाही पियासा हौ, हमहू पियासी हन। अब पानी तब्बै पीबौ जब बंटवारा होय जायी।”

निरहू की पत्नी क्रोध में कांप रही थी। निरहू कुछ समझ नही पा रहा था। अचानक हो क्या गया घर में।तबतक छोटकऊ की पत्नी भी हाथ नचाते आ गयी-

“हां हां बिल्कुल.. होय जाय बंटवारा..करत करत मरी जाइत है, औ न कौनौ जोर न गिनती ।”

निरहू संज्ञा शून्य.. कभी अपनी पत्नी को देखता कभी भाई की पत्नी को। कुछ समझता तब तक छोटकऊ भी आ गये।

“ई रोज रोज कै किच-किच से बंटवरवै ठीक है भैया। मरि-जरि कै खेते से आवौ तौ पानी मिलब मुहाल है।”

निरहू लाख जतन किये पर अन्ततः बंटवारे के लिये खास-खास लोगों को बुलाना ही पड़ा। घर बंटा..गहना-गुरिया बंटी ,गाय-भैंस बंटे..अन्त में निरहू के हिंस्से में आये खेत में चार बोझ धान जो अभी खलिहान में लाने शेष थे, विवादित हो गये। निरहू भी तैस में आ गये-

“जौ अपने असिल बाप कै होब तौ ई चार बोझ धान हमहिन लेब।”

मामला कचहरी तक पहुँच गया था। स्थगन आदेश मिलते ही निरहू के घर में पूड़ियां बनीं थीं। निरहू की पत्नी अहेरिया-पारसी बोलने में दक्ष थी। छोटकऊ की पत्नी सुन-सुन कर कुढ़ रही थी। लड़-झगड़ कर उसने भी छोटकऊ को कचहरी भेजा। चार वर्ष दोनों भाई खूब जम कर लड़े और आज अन्ततः निरहू को चार बोझ धान की डिग्री मिल ही गयी।

निरहू रास्ते भर जोड़-घटाव करता रहा। चार वर्ष का समय गंवाया।दोनों भाइयों ने मिलकर वकील साहबान को लगभग एक लाख रुपये भी दिये। मिला क्या..? धान का बोझ तो सड़कर उड़ गया था।

तब तक निरहू घर पहुँच गये थे।पत्नी पानी लेकर आयी। जिज्ञासा हिलोर मार रही थी-

“क्या हुआ..!”

निरहू को उदास देखकर पत्नी ने डरते-डरते पूंछा था।

“अपने असिल बाप कै रहि गयेन..अउर का भा।”

कहकर निरहू नल पर हाथ-पैर धोने चले गये थे।

राजेश ओझा
ग्राम व पोस्ट मोकलपुर
जनपद गोण्डा उत्तर प्रदेश
मोबाइल-9839235311