Sunday, July 7, 2024
हेल्थ

संक्रामक रोगों की होगी आनलाइन निगरानी , होगा त्‍वरित नियन्‍त्रण

संतकबीरनगर। इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फार्मेशन प्लेटफार्म ( आईएचआईपी) के माध्यम से 33 प्रकार के संक्रामक रोगों की आनलाइन रोकथाम होगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है। सोमवार को मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी कार्यालय में इसके लिए प्रशि‍क्षित किया गया।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. इन्‍द्रविजय विश्‍वकर्मा ने बताया कि एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के तहत आइएचआइपी पोर्टल लांच किया गया है। अभी तक नोटिफाई बीमारियों का सर्वे कागजों में दर्ज होता रहा है, जिसमें कई बार अधूरी और अपुष्ट जानकारी रहती थी। आईएचआईपी पोर्टल पर रियल टाइम एंट्री से सही डाटा मिलेगा। पोर्टल पर रोगी का नाम, पता, सब सेंटर और वह किस सीएचसी व पीएचसी से संबंधित है, सारी जानकारी अपलोड की जाएगी। बीमारी का डाटा आनलाइन होगा और जिला स्तरीय टीम उसे नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई शुरू कर देगी। अपर मुख्‍य चिकि‍त्‍सा अधिकारी डॉ मोहन झा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ब्लाक स्तरीय चिकित्सालयों के स्वास्थ्य कर्मचारियों को पोर्टल पर डाटा अपडेट करने का तरीका बताया गया है। इसमें सब सेंटर के आधार पर गांव की मैपिग का कार्य भी शुरू कर दिया है। भविष्य में प्लेटफार्म को अपडेट कर कैंसर, डाइबिटीज और बीपी जैसी बीमारियों का डाटा भी फीड किया जाएगा। इस दौरान डाटा इंट्री आपरेटर शुभम राय ने बताया कि उन्‍हें इस मामले में प्रशिक्षित किया गया है। इस प्रशिक्षण के दौरान नवीनतम जानकारियां प्राप्‍त हुई। फार्मासिस्‍ट बी के शुक्‍ला ने बताया कि इससे कार्य में सुविधा मिलेगी।

इन बीमारियों के डाटा होंगे आनलाइन

एपीडेमियोलाजिस्‍ट डॉ मुबारक अली ने बताया कि इसके तहत हेपेटाइटिस, डायरिया, टायफाइड, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, डिप्थीरिया, चिकनपाक्स, रेबीज, काला अजार, टिटनेस, चर्म रोग, खसरा, टीबी, येलो फीवर, इंफ्लूएंजा, एचआइवी समेत अन्य 33 प्रकार के संक्रामक रोगों का डाटा आनलाइन किया जाएगा।

बीमारी के महामारी होने का भी चलेगा पता

जिला सर्विलांस अधि‍कारी डॉ आरपी मौर्या ने बताया कि नोटिफाइड डिजीज के सर्वे का काम अभी तक मैनुअल होता है। एएनएम घर-घर जाकर सर्वे करती हैं। अब एएनएम को सर्वे के दौरान रोगी का आंकड़ा तत्काल पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इससे हेल्थ वर्करों की निगरानी भी सुनिश्चित हो जाएगी। बीमारी के फैलाव का पता लगेगा। पहले फार्म में जानकारी होने से इसका पता लगने में परेशानी होती थी। पोर्टल पर अलर्ट आप्शन है। ज्यादा संख्या में रोगी मिलने पर पोर्टल जानकारी देगा। जिसके बाद बीमारी से बचाव व रोकथाम के लिए रैपिड रिस्पांस टीम सतर्क हो जाएगी।