Tuesday, July 2, 2024
बस्ती मण्डल

मिल की राख से जनजीवन त्रस्त

मुंडेरवा/बस्ती।(सात्विक पटेल) उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम द्वारा संचालित मुंडेरवा चीनी मिल द्वारा वर्तमान गन्ना पेराई सत्र में उड़ रही राख से कस्बे वासी सहित आसपास के क्षेत्र के लोग त्रस्त है । आलम यह है कि चीनी मिल द्वारा दिन रात राख उड़ाई जा रही है ।यद्यपि चीनी मिल में राख कैप्चर मशीन लगाया गया है। किंतु राख कैप्चर मशीन के न चलने से चीनी मिल द्वारा दिन-रात निरन्तर राख उड़ रहा है। जिससे प्रदूषण फैल रहा है। साथ ही साथ लोगों के कपड़े भी गंदे हो रहे हैं। जिससे क्षेत्र के लोग आक्रोशित हैं और आंदोलन का मन बना रहे हैं।
बताते चलें कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त मुंडेरवा चीनी मिल स्थापित की गई है और इतना ही नहीं गन्ना पेराई के दौरान राख को रोकने के लिए राख कैप्चर मशीन भी लगाया गया है इसके बावजूद भी क्षेत्र में दिन राख उड़ रही है। चीनी मिल से उड़ रहीं राख से आम नागरिक त्रस्त है। लगभग आठ किलोमीटर की दूरी तक चीनी मिल की राख राख उड़ रही है फिर भी मिल प्रशासन द्वारा राख को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रह है। सबसे बड़ी समस्या राख उड़ने के कारण शादी ब्याह में खुले में भोजन बनाते समय हो रही है क्योंकि खुले में भोजन बनाने से राख भी भोजन में पड़ रहा है जिससे भोजन प्रदूषित हो रहा है। इतना ही नहीं एक तरफ कस्बे में बंदरों का आतंक वहीं दूसरी तरफ दिन रात राख उड़ने से कपड़ा सुखाना मुश्किल हो गया है। जैसे ही कपड़ा खुले में सूखने के लिए डालते हैं राख का एक पर्त कपड़े पर जमा हो जाता है। जिसके स्थानीय निवासियों के लिए यह शुगर मिल किसी मुसीबत से कम नहीं है । चीनी मिल से निकलने वाली राख स्थानीय निवासियों के घरों पर एक पर्त जमा हो जाती है चाहे भोजन हो या रसोईघर घर या घर का ऐसा कोई हिस्सा नहीं जहां राख प्रवेश ना करें साथ ही साथ बाहर रोड पर दो पहिया वाहन से चलने वाले व्यक्तियों के आख में पडकर राख किसी बड़ी दुर्घटना को दावत देने में तत्पर है। इस बाबत समाजसेवी राकेश पान्डेय ने बताया कि राख कैप्चर मशीन लगने के बावजूद भी चीनी मिल द्वारा खुलेआम समूचे क्षेत्र में राख उड़या जा रहा है जिससे आम नागरिक परेशान हैं और यदि समय रहते अति शीघ्र समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन भी किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी मिल प्रशासन की होगी। इसी क्रम में डायरेक्टर विनोद राय ने कहा की चीनी मिल के
द्वारा उड़ रही राख के मामले में कई बार जीएम का ध्यान आकर्षित किया गया किंतु परिणाम सार्थक नहीं निकला ।उन्होने कहा कि उड़ रही राख से आम लोगों को गंभीर बीमारियां हो सकती हैं । जबकि 2 वर्षों से पेराई सत्र में खुलेआम राख उड़ रही है।इसी क्रम में ग्राम बोदवल के पूर्व प्रधान व समाजसेवी मोहम्मद आरिफ ने बताया चीनी मिल की उड़ रही राख से जहां कपड़े गंदे हो रहे हैं वही सांस संबंधी रोग भी आम नागरिकों को हो रहा है जिससे समय पूर्व अनेक लोग बीमार हो रहे हैं। मिल प्रशासन को इस मामले में ठोस कदम उठाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों इस मामले का स्थाई समाधान करना चाहिए। इसी क्रम में लोकपति त्रिपाठी ने बताया की मिल चलने से आम किसानों को उम्मीदें थी और लगभग सात करोड़ रुपए की लागत से राख कैप्चर मशीन लगने के बावजूद भी बेमतलब साबित हो रहा है क्योंकि चीनी मिल द्वारा दिन -रात राख उड़ाया जा रहा है ।इसी क्रम में श्री राम पाठक ने बताया कि चीनी मिल द्वारा राख कैप्चर मशीन के काम न करने से आए दिन दुर्घटना का बल मिल रहा है। क्योंकि उड़ रही राख अनेक लोगों के आंखों में पड़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि शीघ्र इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं किया गया तो आम जन आंदोलन करने के लिए विवश होगा। इसी क्रम में स्थानीय कस्बा निवासी घनश्याम दुबे बताया की नई चीनी मिल की स्थापना से गन्ना किसानों के अलावा आम लोगों को भी विकास की उम्मीद थी किंतु यह मिल किसानों के लिए वरदान की जगह उड़ रही राख से अभिशाप साबित हो रही है। इसी क्रम में सुनील कुमार उर्फ बंटी दुबे ने बताया कि यदि राख कैप्चर मशीन को तत्काल ठीक नहीं किया गया तो इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की जाएगी साथ ही साथ इस मामले में जन सहयोग से आंदोलन भी किया जाएगा। क्योंकि राख कैप्चर मशीन के काम न करने से जहां लोग बीमार हो रहे हैं वही दुर्घटनाएं भी स्थानीय कस्बे में बढ़ रही हैं। इसके अलावा तमाम स्थानीय निवासियों ने बताया कि भोजन करते समय राख भोजन की थाली में गिरता है जिससे भयंकर बीमारी की आशंका बनी रहती है वही ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि कपड़े को धूल कर राख की वजह से छत पर नहीं फैलाया जा सकता अगर गलती से फैला दिया गया तो काले काले धब्बे बन जाते हैं मौसम के परिवर्तन में गर्मी शुरू होने वाली है और लोग छत पर भी सोते हैं अगर इसी तरीके से शुगर मिल की राख बढ़ती रहे तो इस वर्ष लोगों का छत पर सोना भी दुश्वार हो जाएगा।