Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

छेड़खानी से पीड़त डॉक्टर की पिटाई के बाद रसूखदार नेता ने पीड़ित पर कराया पॉक्सो व एससी, एसटी का एफआईआर

बस्ती। स्थानीय शहर में एक चिकित्सक के घर रहकर पढ़ाई कर रही रिश्तेदार की नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी का विरोध करने वाले डॉक्टर और उसके कर्मचारियों की प्रभावशाली नेता ने जमकर पिटाई की और हंगामा बरपा किया।

मुंह बन्द रखने की धमकी पर बात नहीं बनी तो उल्टे डॉ. व उसके स्टॉफ पर मारपीट, पॉक्सो और दलित उत्पीड़न का क्रास केस दर्ज करा दिया गया। इतना ही नहीं अस्पताल में भर्ती डॉ. के घायल कर्मचारियों पर भी गुण्डे लगा गए हैं।

मामला सिद्धार्थनगर के जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि उपेन्द्र प्रताप सिंह से जुड़ा हुआ है। इनका ड्राईवर अक्सर कोचिंग जाते समय नाबालिग लड़की से छींटाकशी करते हुए अपशब्दों का प्रयोग करता था। बारह जनवरी को छेड़खानी करने लगा, तो लड़की डरकर भागी और अपने डॉ. मौसा से इसकी शिकायत की। जिसपर डॉ. ने जब उपेन्द्र सिंह से उनके ड्राईवर की करतूत बताई, तो थोड़ी ही देर में उन्होंने लाव लश्कर के साथ चिकित्सक के घर पर धावा बोल दिया। जिसमें अश्वनी और आकाश को काफी चोटें आयीं। यहां तक कि डॉ. की मोबाइल व रुपये भी छीन लिये गये। पिटाई इस कदर की गई कि कर्मचारी आकाश की उंगली टूट गयी और अश्वनी की कमर की हड्डी टूट गयी। दोनों जिला चिकित्सालय में भर्ती हैं। मामले में आकाश की तहरीर पर पुलिस ने पतेलवा थाना कोतवाली निवासी उपेन्द्र सिंह व 20 – 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुअसं. 35 आईपीसी की धारा 147, 323, 504, 506, 325, 427, 395, 354 तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया है।

वहीं दूसरी ओर पतेलवा में सिद्धार्थनगर के जिला पंचायत अध्यक्ष के रहने वाले एक व्यक्ति ने नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी करने और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए मार्स हॉस्पिटल के डॉ. रंजीत पटेल और आकाश सहित 10 – 15 अज्ञात लोगों पर कोतवाली बस्ती में मुअसं. 36 भादवि. की धारा 147, 323, 504, 506, 354 व 7/8 पाक्सो एक्ट व 3( I ) द, 3 (II) (5A) एससी, एसटी एक्ट के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कराया है।

डॉ. रंजीत पटेल ने बताया कि हमारे ऊपर फर्जी तरीके से मुकदमा दर्ज कराया गया है। पहले ही हम लोगों को मारपीट कर जख्मी कर दिया गया था और आकाश व अश्वनी को फ्रैक्चर हो गया था, तो झगड़ा करने व मारपीट या छेड़खानी जैसी किसी घटना का कोई औचित्य ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वास्तविक घटना और मुकदमें से ध्यान भटकाने और दबाव बनाकर उत्पीड़न करने की नीयत से मेरे ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया है।

डॉ. रंजीत ने बताया कि अश्वनी और आकाश अस्पताल में भर्ती हैं। हमारा पूरा परिवार सदमें में है। चौदह जनवरी की रात कुछ संदिग्ध अराजकतत्वों द्वारा उन्हें टारगेट करके वार्ड में घूमते देखा गया। जिससे हम सभी लोग भयभीत हो गये। हमने इसकी सूचना थाना कोतवाली को दी, तब वहां सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस फोर्स लगाई गई है। डॉ. रंजीत ने मामले में उच्चाधिकारियों से निष्पक्ष कार्यवाही किये जाने की मांग की है, जिससे पीड़ितों के अस्मिता की रक्षा हो सके।