Wednesday, May 8, 2024
बस्ती मण्डल

शीघ्र ही बेटियों का व्यक्तित्व निर्माण शिविर लगाएगा आर्य समाज-ओम प्रकाश आर्य

बस्ती। बेटियाँ दो कुलों को पावन करती हैं उनके सशक्तिकरण से राष्ट्र शक्तिशाली होगा। शीघ्र ही बेटियों का भी व्यक्तित्व निर्माण शिविर लगाया जाएगा। यह जानकारी आर्य समाज बस्ती द्वारा आयोजित व्यक्तित्व निर्माण युवा शिविर के पाँचवे दिन ओम प्रकाश आर्य प्रधान आयोजक ने दी। शारीरिक कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रशिक्षक कृष्ण पाल आर्य द्वारा बच्चों को लाठी के प्रहार, सुरक्षा, रणमार एवं रोक और रणमार बैठी का अभ्यास कराया गया साथ ही प्रशिक्षक प्रशांत आर्य द्वारा त्रिदेश मुष्टि प्रहार, संयुक्त मुष्टि प्रहार, व्याघ्रनख प्रहार, सर्पमुख प्रहार तथा श्येन प्रहार का विधिवत अभ्यास कराया गया। बौद्धिक सत्र में प्रशिक्षक पंकज आर्य ने कहा कि विचार मनुष्य की सबसे बड़ी सम्पत्ति है। विचारशीलता की गति किशोरावस्था के प्रारम्भ में अत्यधिक होती है। इस अवस्था में बालक किसी को भी अपना आदर्श मानकर उसकी ओर आकर्षित होने लगता है। ऐसे में उसे सही मार्गदर्शन की विशेष आवश्यकता होती है अन्यथा भ्रमित होकर वह अपने मार्ग से विचलित भी हो सकता है। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों को गुरु गोविंद सिंह, बंदा वैरागी, हकीकत राय आदि बलिदानियों के जीवन गाथा सुनाकर उनसे प्रेरणा लेने की सलाह दी। इसके अलावा उन्होने बच्चों को पाखण्ड व अन्धविश्वास से दूर रहने की प्रेरणा दी। बच्चों के इस कार्यक्रम से प्रभावित होकर पूनम गाड़िया, अध्यक्ष अखिल भारतीय मारवाडी महिला समाज बस्ती ने अपनी पूरी टीम के साथ शिविर का निरीक्षण किया और बच्चों को जलपान कराया। इस अवसर पर मारवाड़ी समाज जी प्रीती, राधा, रिंकी, शालू, शिप्रा और आकांक्षा ने प्रधान आयोजक ओम प्रकाश आर्य से बेटियों का व्यक्तित्व निर्माण शिविर लगवाने का अनुरोध किया जिसके लिए उन्होंने शीघ्र ही बेटियों का शिविर लगाए जाने का आश्वासन दिया।

यज्ञ का प्रशिक्षण देते हुए पंकज आर्य ने बताया यज्ञ के तीन अर्थ हैं देव पूजा, संगतिकरण एवं दान। जिस कर्म का फल सब में बॅटे उसे यज्ञ कहते है। यज्ञ का मुख्य उद्देश्य मानसिक भावनाओं तथा पर्यावरण को शुद्ध करना है यज्ञ से आत्मिक सुख-शान्ति मिलती है जो प्रतिदिन यज्ञ करता है, वह देवत्व को प्राप्त होता है। ऋषियों ने सभी शुभ कर्मों को यज्ञ का दर्जा दिया है। शिविर संचालक अदित्यनारायण आर्य ने बताया कि आर्य वीर दल के उद्देश्य, कर्तव्य, चरित्र, अनुशासन, स्वास्थ्य आदि का ज्ञान शिविरार्थियों को अत्यन्त सरल तरीके से दिया जा रहा है ताकि आर्यवीर शरीर से सुदृढ़ विचारों में प्रबुद्ध, और कर्तव्य पथ पर अडिग बन सकें। इस अवसर पर बच्चों ने अलग-अलग टोलियों में सेवा और स्वच्छता कार्य किया जिसके अन्तर्गत अतिथि सेवा एवं पर्यावरण के प्रति सजगता का प्रशिक्षण दिया गया साथ ही प्रकृति प्रेम एवं जीवों के प्रति दया भाव रखते हुए आपसी भाईचारे की भावना का पाठ भी पढ़ाया गया।