Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

अदब की जबान अता करने में नज़ीर का कोई सानी नहीं- डॉ. सर्वेष्ठ मिश्र

अकबराबादी हयात व खिदमात के मुद्दे पर एक रोजा स्टेट लेवल सेमीनार आयोजित

बस्ती/ एक अकेली नज्‍़म में हजार चीजों की खबर देने वाले नज़ीर अकबराबादी जिनके सिर पर दुनिया की पहली नज़्म लिखने का ताज है और जिनके बारे में कहा जाता है कि उनके काम को उनकी मौत के सौ साल बाद पहचाना गया।

अवाम की आवाज़ को अदब की जबान अता करने में नज़ीर का कोई सानी नहीं। नजीर की शायरी हिंदुस्तानी समाज का एक आईना है। नज़ीर की शायरी में दूरअंदेशी और तहज़ीब भरपूर है। यह बातें राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक डॉ. सर्वेष्ठ मिश्र नें युवा विकास समिति बस्ती द्वारा राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद भारत सरकार के सहयोग से आयोजित नजीर अकबराबादी हयात व खिदमात के मुद्दे पर एक रोजा स्टेट लेवल सेमीनार में बतौर मुख्य अतिथि कहीं।

नंदनी नगर पीजी कालेज गोंडा में समाजकार्य विभाग के अध्यक्ष डॉ के. के. शुक्ल नें कहा की नज़ीर की शायरी हिंदुस्तानी समाज का एक आईना है और यह नज़ीर का कारनामा ही था कि उन्होंने जनता की आवाज को अदब की आवाज बना कर पेश किया। शिव हर्ष पीजी कालेज बस्ती में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शिवेंद्र मोहन पाण्डेय नें नज़ीर को अपने जमाने से आगे का शायर करार दिया और कहा कि नज़ीर ने जो बातें कहीं उन्में समाजवादी विचारों की झलक साफ दिखाई देती है। पुलिस महकमें में हेड कांस्टेबल राघवेन्द्र पाण्डेय नें कहा की नजीर अकबराबादी तरक्कीपसंद तहरीक से बहुत पहले ही तरक्कीपसंद शायर के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे। उर्दू जुबान के माहिर गुलाम नबी अहमद नें कहा की उर्दू अदब की तारीख नज़ीर के बिना पूरी नहीं हो सकती और आगरा का इतिहास नज़ीर के बिना मुकम्मल नहीं हो सकता।

राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद इकबाल नें कहा कि नज़ीर उर्दू जबान के शायर हैं मगर उनकी शायरी उर्दू ही की नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान की शायरी है। कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती में वैज्ञानिक नें राघवेन्द्र विक्रम सिंह नें कहा की पहले अंग्रेजों ने जब भारत मैं फूट डालना शुरू किया तो आगरा के लोगों ने नज़ीर की मज़ार से एकता , भाईचारे और समाजी एकजहती का पैग़ाम दिया। डॉ प्रेम शंकर नें ने कहा कि त्योहार और मेलों-ठेलों पर जिस तरह नज़ीर ने शायरी की है वह अपने पूरे दौर की तहज़ीबी रवायतों की आईनादार हैं।

इस अवसर पर मो. अबुओ अबैदा, मो. शमशेर अली, रहीमुद्दीन, मो सगीर, मो आलम, मो तस्स्वर अली, समीउल्लाह, जावेद अहमद नें नजीर अकबराबादी हयात ओ खिदमात पर अपने पेपर प्रस्तुत किया। जिसमें सभी को नकद के साथ प्रमाणपत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया

इस मौके पर सेमीनार में डॉ. नवीन सिंह, गरुणध्वज पाण्डेय, जय प्रकाश उपाध्याय, राममूर्ति मिश्र, धर्मेन्द्र पाण्डेय, अमित विक्रम त्रिपाठी, राजेन्द्र सिंह, अवधेश पाण्डेय, अरविन्द पाल, विजेंद्र बहादुर पाल, महेंद्र तिवारी, विनोद उपाध्याय, शोभित मिश्र, दिनेश पाण्डेय, शाद अहमद शाद, अनुराग श्रीवास्तव, संगीता यादव, गोविद मिश्र, रीता पाण्डेय,सु भाष चन्द्र आर्य, महेंद्र दूबे, अंशुल आनंद, रिंकी सावलान, लीलम मिश्र, उमेश कुमार, प्रवीण कुमार त्रिपाठी, मनीषा शुक्ला, वेदान्त सिंह, अनन्या श्रीवास्तव को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर अनेकों लोग उपस्थित रहे।