Sunday, June 30, 2024
बस्ती मण्डल

आले रसूल की सदाकत की गवाही कुरआन दे रहा है

– इमामबाड़ा शाबान मंजिल में दूसरे दिन आयोजित हुई मजलिस
बस्ती। इमामबाड़ा शाबान मंजिल में ‘यौमे गम’ के आयोजन के दूसरे दिन आयोजित मजलिस को इं. शबीब हैदर खां ने खिताब फरमाया। पैगम्बरे-इस्लाम की बेटी हजरत फात्मा जहरा की शहादत की याद में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
श्री खां ने कहा कि पैगम्बर और उनकी आल की सदाकत अर्थात सच्चे होने व तहारत की गवाही खुद कुरआन दे रहा है। अल्लाह के हुक्म से दीन के सच्चे होने की गवाही देने के लिए मुबाहले के मैदान में पैगम्बर अपनी बेटी हजरत फात्मा, अली व उनके बच्चों हसन व हुसैन को लेकर आए थे। अगर आले रसूल का मर्तबा उनकी उम्मत समझ जाती तो मदीने से लेकर कर्बला तक उन पर हुए जुल्म की दास्तान न नजर आती। हर मुसलमान के लिए आले रसूल काबिले ताजीम होते।
उन्होंने कहा कि हजरत फात्मा दरबार में अपना फदक का हक मांगने गई थीं। जिस बेटी की ताजीम में पैगम्बर खड़े हो जाया करते थे और अपनी जगह पर उन्हें बिठाते थे, उस बेटी को दरबार में घंटों खड़े रखा गया। अली, हसन व हुसैन की गवाही को ठुकरा दिया गया। एक बाग  रूपी फदक उन्हें रसूल ने अता फरमाया था। उनकी बेटी के दावे के बाद किसी को उनको झुठलाने का हक नहीं है। हमारा अकीदा है कि पैगम्बर व उनकी आल की सदाकत पर शक करने वाला दायरे इस्लाम से खारिज होता है। सुहेल हैदर, सफदर रजा सहित अन्य ने सोज व सलाम पेश किया। हजरत फात्मा की शहादत को याद कर लोगों के आंसू बहाए।
मौलाना हैदर मेंहदी, मौलाना अली हसन, जीशान रिजवी, शम्स आबिद, अरशद आबिद, मुन्ने, जावेद, हसन जावेद सहित अन्य लोग कार्यक्रम में शामिल रहे।