Sunday, June 9, 2024
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इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन का 66 वां कॉन्फ्रेंस सम्पन्न

गोवा।भारतीय आर्थोपेडिक एसोसिएशन 1955 में स्थापित किया गया था और 2013 इसमें 9,000 से अधिक सदस्य थे। वर्तमान समय इस संगठन में वर्तमान समय में कुल 12262 सक्रिय सदस्य हैं।

इस सम्मेलन में भारत भर के 5,000 से अधिक आर्थोपेडिक सर्जनों ने 21 दिसंबर से 25 दिसम्बर 2021भाग लिया।
भारत में आर्थोपेडिक सर्जरी पर ध्यान केंद्रित करने वाले पहले सर्जन डॉ आर जे कटक , डॉ एन एस नरसिम्हा अय्यर और डॉ एस आर चंद्र थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, डॉ. मुखोपाध्याय और डॉ. के एस ग्रेवाल ने 1952 में वेल्लोर में एएसआई के वार्षिक सम्मेलन के दौरान एक एसोसिएशन बनाने का सुझाव दिया। 1953 में आगरा में कई अभ्यास करने वाले सर्जन मिले , जिनमें प्रमुख रूप से कटक, डॉ बी एन सिन्हा, ग्रेवाल, मुकोपाध्याय और डॉ एके गुप्ता। वे एएसआई का एक हड्डी रोग अनुभाग बनाने के लिए सहमत हुए। दिसंबर 1955 में एएसआई की बैठक में आधिकारिक तौर पर सोसायटी का गठन अमृतसर में किया गया था। डॉ बी एन सिन्हा और डॉ मुकोपाध्याय सर्वसम्मति से अध्यक्ष और सचिव चुने गए थे। डॉ. ए के तलवलकर ने IOA की ओर से जॉनसन एंड जॉनसन और स्मिथ एंड नेफ्यू ट्रैवलिंग फेलोशिप की शुरुआत की। वार्षिक किनी मेमोरियल ओरेशन 1958 में शुरू हुआ। सर हैरी प्लाट ने 1958 में पहले वक्ता के रूप में कार्य किया।

एसोसिएशन के सदस्यों ने 1967 में प्रकाश चंद्र के संपादक के रूप में एक पत्रिका का पहला अंक प्रकाशित किया। एक प्रवर समिति द्वारा तैयार किए गए संविधान को 1967 में आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया था। इसे बाद में भारतीय समाज अधिनियम के तहत पंजीकृत किया गया था ।
इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन का हड्डीरोग चिकित्सकों की अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस 66 वां (LXVI) 21से 25दिसंबर 2021को श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर स्टेडियम, गोवा विश्वविद्यालय, टेलीगोवा , गोवा में सम्पन्न हुआ।
उतर प्रदेश के एसएन मेडिकल कालेज आगरा के असिस्टेंट प्रोफेसर आफ आर्थोपेडिक्स डा. रजत कपूर को इंडियन ओर्थपेडीक एसोसिएशन की गोवा में हुई 66वीं कांफ्रेंस आईओएकान-21 में आईओए फैलोशिप से नवाजा गया है। इसके साथ उन्हें 40 हजार रुपए का चेक देकर सम्मानित किया गया है। डा. कपूर को यह उपाधि इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. बी शिवशंकर, उपाध्यक्ष डा. अतुल श्रीवास्तव, सचिव डा. नवीन ठक्कर, पीजीआई चंडीगढ़ के विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश सेन ने प्रदान की है। इसके अलावा देहरादून स्थित पद्म श्री प्राप्तकर्ता ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ बीकेएस संजय को गोवा में 66 वें वार्षिक सम्मेलन के दौरान इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (आईओए) द्वारा सम्मानित किया गया। डॉ संजय ने आई.ओ.ए. के अध्यक्ष डॉ. बी. शिवशंकर, सचिव डॉ. नवीन ठक्कर, सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. राम चड्डा तथा एसोशिएसन के अन्य पदाधिकारियों का आभार प्रकट किया।
उतर प्रदेश के महर्षि बशिष्ठ राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के अस्थि रोग के के सीनियर रेजीडेंट डा सौरभ द्विवेदी ने भी सम्मेलन में प्रतिभाग लिया है। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से सीखे नई तकनीकियों का लाभ आगामी दिनों में बस्ती मंडल की आम जनता को भी मिलेगा। अब हड्डी रोग से संबंधित रोगियों को महा नगरों का चक्कर नही लगाना पड़ेगा। बस्ती में उच्च कोटि की तकनीकि भी सामान्य खर्चे में सुलभ हो सकेगा।