Saturday, July 6, 2024
बस्ती मण्डल

पूर्वांचल के मालवीय स्वर्गीय पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी की तीसरी पुण्यतिथि पर फिर नम होगी सूफी संत की धरती।

शिक्षाविद एवं समाजसेवी डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने परिवार सहित ब्राह्मणों को अंग वस्त्र किया दान।

संतकबीरनगर।(कालिन्दी मिश्रा) पूर्वांचल के मालवीय कहे जाने वाले स्वर्गीय पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी की पुण्यतिथि 3 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इससे पहले आज अपने आवास भिटहा पर डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी ने परिवार सहित अपने पिता की आत्मा की शांति के लिए पूरे विधि विधान से पूजा पाठ कराकर सैकड़ों ब्राह्मणों को भोजन कराकर अंग वस्त्र दान कर आशीर्वाद लिया। कर्तव्यनिष्ठा, दृढ़ता और जुनून की जब बात हो तो पूर्वांचल के मालवीय स्व पं सूर्य नारायण चतुर्वेदी का प्रतिबिम्ब खुद ब खुद मानस पटल पर छा जाता है। शैक्षणिक रूप से बेहद पिछड़े इस बस्ती मण्डल मे संसाधनों का बेहद अभाव रहा। आम जनमानस बस यूं ही हालात का शिकार होकर उच्च शिक्षा से वंचित हो रहा था। तब 90 के दशक से पूर्व नाथनगर ब्लाक क्षेत्र के एक छोटे से गांव भिटहा मे पैदा हुए एक नौजवान ने ज्ञान पुंज की एक ऐसी मशाल जलाई जो आज सूफी संत की धरती से पं आचार्य रामचंद्र शुक्ल की मिट्टी को भी शिक्षा के तेज प्रकाश से आच्छादित कर रही है। जी हां महुली स्थित एक प्राईवेट विद्यालय मे अध्यापन कार्य करने वाले पं सूर्य नारायण चतुर्वेदी ने जब समाज के पिछड़ेपन को भीतर से महसूस किया तो शिक्षा का अभाव सबसे बड़ा कारण बन कर उभरा। अपने पैतृक गांव के पास बाबा पर्वत नाथ इण्टर कालेज की स्थापना करके अपने खून पसीने से इस शैक्षणिक पौध को वट वृक्ष बनाने का संकल्प लिया। उनकी कर्त्तव्यनिष्ठा, जुनून और शिक्षा की इस ज्योति को मशाल बनाने के हौसले ने पूर्वांचल मे एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया कि समाज मे उन्हे पूर्वांचल के मालवीय की उपाधि मिलने लगी। उच्च शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, आधुनिक शिक्षा के मिश्रण की ऐसी दीप श्रृंखला तैयार हुई जो चारो तरफ खुद ब खुद उजाला बिखेर गई। भतीजे जय चौबे को जिला पंचायत उपाध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख संघ का जिलाध्यक्ष के रास्ते खलीलाबाद सदर विधान सभा सीट से विधायक बना कर प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत मे पहुंचाने मे उनकी प्रेरणा ही महत्वपूर्ण भूमिका मे रही। अपने छोटे बेटे राकेश चतुर्वेदी को विपरीत परिस्थितियों मे राजनैतिक सौदागरों की किले बन्दी को ढहा कर नाथनगर ब्लाक का सबसे कम उम्र का ब्लाक प्रमुख बनाने का गौरव भी उन्हें ही हासिल हुआ। बेटे के सिर पर ताज स्थापित करके अपनी बर्षों पुरानी राजनैतिक कसक को भी मिटा डाला। मृदुभाषी, मुस्कुराते चेहरे के इस व्यक्तित्व की झलक आज उनके बड़े बेटे एवं सूर्या इण्टरनेशनल एकेडमी के एमडी डा उदय प्रताप चतुर्वेदी मे झलकती है। दर्जनों महाविद्यालयों, इण्टर कालेजों, सूर्या इण्टरनेशनल एकेडमी जैसी जिले की टाप शैक्षणिक संस्थान और एसआर इण्टरनेशनल एकेडमी जैसी आधुनिक शिक्षा की इस चमकती ज्योति के प्रकाश को और तेज करके पिता के सपनों को ऊंची उड़ान देने मे जुटे दोनों बेटों मे पिता के विचार कूट कूट कर भरे हुए हैं। दो साल पूर्व यूं ही हंसते मुस्कुराते जब पं सूर्य नारायण चतुर्वेदी गहरी नींद मे सो गये तो बस्ती मण्डल पूरी तरह अपने मालवीय के लिए बिलख उठा था। 3 अक्टूबर को भिटहा स्थित ‘चतुर्वेदी विला’ पर सदर विधायक जय चौबे, डा उदय प्रताप चतुर्वेदी और राकेश चतुर्वेदी के नेतृत्व मे आयोजित उनकी तीसरी पुण्यतिथि मे फिर अपने मालवीय की याद मे विद्वानों की आत्मा भी रो उठेगी।।