Sunday, July 7, 2024
बस्ती मण्डल

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कम्बाई हार्वेस्टिंग मशीन स्वामियों के साथ बैठक हुई आयोजित

संत कबीर नगर।(कालिन्दी मिश्रा) जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कृषि विभाग सहित अन्य सम्बंधित अधिकारियों, प्रगतिशील किसानों एवं कम्बाइन हार्वेस्टर धारक स्वामियों के साथ पराली न जलाने तथा कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ अनिवार्य रुप से एस0एम0एस0, स्ट्रारीपर, बेलर आदि कृषि यंत्रों का अनिवार्य रुप से प्रयोग करने के सम्बन्ध में एक आवश्यक बैठक सम्पन्न हुई।
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल द्वारा समस्त सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जनपद में कहीं भी कोई पराली जलाने की घटना घटित न हो इसके लिये राजस्व विभाग, पंचायत विभाग एवं कृषि विभाग के कर्मचारी की टीम बनाकर एक कार्ययोजना तैयार किया जाय जिसमें पुलिस विभाग की सहभागिता को भी सुनिश्चित किया जाये तथा यह भी निर्देशित किया गया कि उप कृषि निदेशक, कार्यालय द्वारा जिन कंबाइन हार्वेस्टरों द्वारा एस0एम0एस0, बेलर अथवा मल्चर का प्रयोग किया जा रहा है, उनकी सूची समस्त उप जिलाधिकारी एवं थाना प्रभारियों को उपलब्ध करा दें, ताकि पुलिस विभाग द्वारा उन्हें अनावश्यक रूप से न रोका जाय। उन्होंने कहा कि बाहर से अगर कोई कम्बाइन हार्वेस्टर बिना एस0एम0एस0, बेलर अथवा मल्चर के कहीं भी धान की कटाई करते हुए पाया जाता है, तो उसको तत्काल सीज कर दिया जाए अथवा मालिक के स्वयं के खर्चें पर एस0एम0एस0 लगवाकर ही उसे छोड़ा जाए।
उप कृषि निदेशक लोकेन्द्र सिंह द्वारा उपस्थित कम्बाइन हार्वेस्टर स्वामियों को निर्देशित किया गया कि जनपद में बिना एस0एम0एस0 के कहीं भी कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ धान की कटाई न किया जाय, कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ मल्चर, बेलर, हैप्पी सीडर, स्ट्रा चापर, रिवर्सेबल मोल्ड बोल्ड प्लाऊ का प्रयोग अनिवार्य रुप से करें, अन्यथा जनपद में कहीं भी पराली जलाने की घटना प्रकाश में आती है, तो सम्बन्धित कम्बाइन हार्वेस्टर धारक के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन का एस0एम0एस0, मल्चर, जीरो टील सीड ड्रिल, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, रीपर के बिना प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है। बैठक में कम्बाइन हार्वेस्टर धारकों को यह भी निर्देशित किया गया कि वे जहॉ भी फसल की कटाई करें वहॉ के कृषकों को जागरुक करें, कि किसान भाई पराली को न जलायें इसको जलाने से पर्यावरण एवं मृदा पर विपरीत प्रभाव पड़ने के साथ-साथ मानव जीवन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। धान के पुआल को गौशाला में उपलब्ध कराया जाय, जो स्वेच्छा से देना चाहते हैं, वो दे सकते हैं अन्यथा इसके लिए शासन द्वारा बजट का भी प्राविधान किया गया है।
जिला कृषि अधिकारी पी0सी0 विश्वकर्मा द्वारा उपस्थित कम्बाइन हार्वेस्टर स्वामियों को अवगत कराया गया कि फसल अवशेष को जलाने से उनके जड़, तना तथा पत्तियों में संचित लाभदायक पोषक तत्व नष्ट होने के साथ ही मिट्टी के लाभदायक मित्र कीट भी जल कर मर जाते हैं, जिसके कारण वातावरण एवं मृदा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। खेतों में फसल अवशेष जलाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर किसानों को जमीनी क्षेत्रफल के आधार पर जुर्माना देना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाना दण्डनीय अपराध है जिसके तहत 02 एकड़ से कम कृषि की दशा में 2500 रू0 प्रति घटना का दण्ड शुल्क देना होगा। इसी प्रकार दो एकड़ से 05 एकड़ तक क्षेत्रफल की दशा में 5000 रू0 प्रति घटना एवं 5 एकड़ से अधिक की दशा में 15 हजार रू0 प्रति घटना के दर से अर्थ दण्ड वसूला जाएगा। एक बार से अधिक फसल अवशेष जलाते पाये जाने पर अर्थ दण्ड के साथ ही विभागीय योजनाओं के लाभ से आजीवन वंचित किया जा सकता है। फसल कटाई के दौरान प्रयोग की जाने वाली कंबाइन हार्वेस्टर के साथ एसएमएस का प्रयोग करना अनिवार्य है तथा उक्त व्यवस्था के बगैर यदि कोई जनपद में कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई करता पाया जाता है, तो हार्वेस्टर धारक के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में किसान भाइयों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान की जानकारी विभाग द्वारा आयोजित हो रही गोष्ठियों के माध्यम से दिया जा रहा है तथा उनको नियमित रूप से जागरूक भी किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी संजय यादव, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी शशांक, अपर जिला सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सरोज, ए0डी0ओ0 ए0जी0 अशोक कुमार मिश्र सहित सम्बंधित अधिकारी एवं सम्मानित किसान व कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन स्वामी आदि उपस्थित रहें।