Tuesday, July 2, 2024
साहित्य जगत

भारत माँ का वीर सिपाही….

भारत माँ का वीर सिपाही
शान धरा का बढ़ा गया
स्वर्ण पदक लाकर देश का
नाम सुनहरा कर गया
आन मान तूने हम सबकी
भाला फेंक दिखा दिया
राणा के वंशज होने का
परचम तूने लहरा दिया
पूर्ण हुई वाहिद की कविता
बेशक उनके न रहने पर
आज नीरज तूने उनके
शब्दों को साकार किया
जन गण मन गण की गूंज
टोक्यो में गूंज गयी
हर भारतीय को नीरज में
नीरज खिलता दिखा गया
खिलाड़ियों के मन में
नयी स्फुर्ति जगा गया
वेटर के तीखे शब्दों का
मौनता से जबाब दिया

-सरिता त्रिपाठी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश