Sunday, May 19, 2024
बस्ती मण्डल

विचारों में सदैव जीवित रहेंगी फूलनदेवी- अंकुर वर्मा

बस्ती। रविवार को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर फिशर मैन मछुआरा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सोमनाथ निषाद उर्फ संत जी के संयोजन में पूर्व सांसद फूलनदेवी को उनके बीसवें शहादत दिवस पर याद किया गया।
मुख्य अतिथि फिशरमैन कांग्रेस के चेयरमैन देवेन्द्र निषाद ने कहा कि पूर्व सांसद वीरांगना फूलन देवी जी जब जेल में थी तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गांधी ने मुख्य मंत्री अर्जुन सिंह को भेजकर जेल से छुड़ाने की पहल किया। प्रयागराज में बांसवार गांव के निषादों के ऊपर हुए अत्याचार के विरोध में प्रियंका गांधी ने प्रयागराज से बलिया तक 500 किलोमीटर से ज्यादा गंगा नदी के किनारे पैदल चलकर निषाद समाज को जागरूक कर हक अधिकार दिलाने के लिए सघन सम्पर्क किया। इसमें वे स्वयं शामिल थे।
देवेन्द्र निषाद ने कहा कि आज तक निषाद समुदाय को विभिन्न राजनैतिक दल के लोग कभी आरक्षण के नाम पर कभी जाति धर्म नाम पर वोट लेकर सरकार बनाने का कार्य किया लेकिन आज तक निषाद समुदाय अपने हक अधिकार से वंचित ही है। आजादी की लड़ाई में निषाद समुदाय के लोग अंग्रेजों से लड़कर कुरबानी देकर देश आजाद कराने में योगदान दिया किन्तु निषाद समुदाय आज भी राजनीितक रूप से उपेछित है। निषाद समुदाय के कुछ नेता पार्टी बनाकर निषाद समाज के नौजवानों को गुमराह कर सिर्फ अन्य दलों के साथ समाज को बेचने का कार्य कर रहे हैं। निषाद समुदाय को सावधान होना पड़ेगा। अपना सही नेता और सही पार्टी जो उन्हें खोया हक अधिकार दिलाए उसे चुनना पड़ेगा।
विशिष्ट अतिथि अशोक कश्यप ने निषाद समाज का आवाहन किया कि वे अपने राजनीतिक, सामाजिक अधिकारों के लिये एकजुट हो। कहा कि कांगेस में ही निषाद समाज का हित सुरक्षित है।
कांग्रेस अध्यक्ष अंकुर वर्मा ने कहा कि सामाजिक प्रताड़ना और जुल्म, अत्याचार के खिलाफ डाकू बनकर फूलनदेवी ने सोये हुये निषाद समाज को जगाया, वे सांसद बनी किन्तु नियति को कुछ और ही मंजूर था, 25 जुलाई 2001 को नई दिल्ली में उनकी हत्या कर दी गई। फूलनदेवी के शरीर की हत्या भले हो गई हो किन्तु उनके विचार, संघर्ष सदैव लोगोें को प्रेरणा देते रहेंगे।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप मो. रफीक खां, सचिन शुक्ल, इं. राज बहादुर निषाद, मनोज कुमार त्रिपाठी, लक्ष्मीकान्त मिश्र, सोमनाथ पाण्डेय, पवन अग्रहरि, शुभम गौड़, इजहार अहमद, राजेश साहनी, अभिषेक साहनी , ओंकार निषाद दयाराम निषाद, पंकज निषाद, अवधेश निषाद, सत्य राम, परमात्मा प्रसाद, गया प्रसाद निषाद, बब्बन लाल साहनी, संदीप निषाद, राम सुरेश, प्रेम चंद, शुभम गौड़, मंगल निषाद, महिमा , मनीष निषाद, ज्ञान प्रकाश निषाद आदि शामिल रहे।