Monday, May 20, 2024
बस्ती मण्डल

गुरु ज्ञान का कारक है, जिसके बिना ज्ञान की कल्पना भी संभव नहीं

सिद्धार्थनगर। धार्मिक शास्त्रों में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि गुरु ही भगवान तक पहुंचने का मार्ग बताते हैं। गुरु ज्ञान का कारक है जिसके बिना ज्ञान की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उक्त बातें रघुवर प्रसाद जायसवाल सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कालेज तेतरी बाजार के प्रधानाचार्य श्री राकेश मणि त्रिपाठी ने कही। वह महर्षि वेदव्यास जी की जयंती पर संबोधित कर रहे थे।


आगे उन्होंने कहा कि आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। वह संस्कृत के महान ज्ञाता थे । उनके द्वारा सभी अट्ठारह पुराणों की रचना की गई, उन्हें आदि गुरु भी कहा जाता है। उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के रूप से भी मनाया जाता है।आज का दिन गुरु के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का दिन है, इस लिए अपने गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धा व्यक्त करना चाहिए। इसके पूर्व महर्षि वेदव्यास जी के चित्र पर पुष्पार्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ कर माननीय प्रधानाचार्य जी द्वारा महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक व अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर भी प्रकाश डाला गया।
। उक्त अवसर पर कार्यक्रम संयोजक श्री सुभाष चंद्र सिंह व विभाग शारीरिक प्रमुख व हिंदी के प्रवक्ता श्री गोविंद सिंह समेत विद्यालय के समस्त आचार्य बंधुओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।