Wednesday, July 3, 2024
हेल्थ

योग प्राणायाम हमारे शरीर के रीढ की हड्डियों एवं इंगला पिंगला सुषुम्ना नाड़ियों का करे शोधन – डॉ वंदना त्यागी

बस्ती। विश्व संवाद परिषद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ द्वारा चल रहे वेबीनार के छठवें दिन आज गायत्री मंत्र के साथ बहन डॉ वंदना त्यागी के माध्यम से बस्ती के क्षय रोग अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ए के वर्मा सर के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया कि आज के समय में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा का रोगों के प्रति अहम भूमिका है l कोरोना जैसी महामारी पर काबू पाने के लिए यह चिकित्सा पद्धति अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस क्षेत्र में जुड़े हुए सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
मुख्य वक्ता दिल्ली प्रदेश की महासचिव बहन वंदना त्यागी जी, जो शाकुंतलम ट्रेडिशनल स्पाइन केयर चलाती हैं, ने बताया कि हमारे रीढ की हड्डी पर उपस्थित इड़ा, पिंगला और सुषुमना नाडियां ,सात चक्र सिम्पेथेटिक और पैरासिमपेथेटिक तंत्रिकाये सर्वाइकल से लेकर के कोसिक्स तक किस प्रकार से स्थित हैं और उनका आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ,आयुर्वेद ,
एक्युप्रेशर और योग शास्त्र में किस प्रकार उपयोग किया जाता हैl इन्होंने इनके संबंध को चित्रों के माध्यम से कुशलतापूर्वक पूरी वैज्ञानिकता के साथ समझाया। उन्होंने बताया कि रीढ का संपूर्ण इलाज हमारे आयुर्वेद और योग शास्त्र एवं प्राकृतिक चिकित्सा में सफलतापूर्वक किया जाता है।हमारे सात चक्र जो ऊर्जा के केंद्र है यह पूरी तरह हमारे अंतः स्रावी ग्रंथियों तथा प्लेक्सस के अनुरूप होते हैं l चीजें वही है केवल आधुनिकीकरण हो गया है।
इसके बाद ग्लोबल टच इंटरनेशनल के डायरेक्टर डॉक्टर संजीव पांडे जी का वक्तव्य हुआ ,उन्होंने अपने विषय मेडिटेशन ,और उसका शरीर पर प्रभाव को पूरी वैज्ञानिकता के साथ चर्चा की। उन्होंने बताया मेडिटेशन के माध्यम से हम लोग किसी चीज पर ध्यान करते हैं जिससे हमारा शरीर नियंत्रित होता है, ब्रेन में सेरेब्रल कॉर्टेक्स जिसको अवचेतन मन कहा जाता है, पर सेरेब्रल कोडिंग हो जाती है जिससे हमारा मन एकाग्र हो जाता है और हम स्थितप्रज्ञ की स्थिति में पहुंच जाते हैं फिर उस के माध्यम से हम जहां भी ध्यान लगाना चाहे हमारा ध्यान लग जाता है।इसके लिए हमें यम और नियम का पालन भी करना पड़ता है। इससे अनैच्छिक क्रियायै ऐच्छिक क्रियाओं में बदल जाती हैं और हम तनाव से मुक्त हो जाते हैं। विश्व संवाद परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगाचार्य डॉक्टर रमेश चंद्रा ने गुरु के प्रति आभार और सभी का अभिनंदन करते हुए योग के प्रति समर्पित एक संदेश प्रद भावपूर्ण गीत गाया, जिससे लोगों के अंदर एक नई एक नवीन ऊर्जा का आभास हुआ।कृष्णा बहन जी जो पतंजलि से जुड़ी हुई हैं उन्होंने सूर्य नमस्कार, वृक्षासन,त्रिकोणासन, हनुमान बैठक, शीर्षासन, ताड़ासन, चक्रासन जैसे आसनों को करके लोगों का मन मोहा। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय महासचिव योगी डॉक्टर नवीन सिंह ने अपने सुंदर वाणी से सभी लोगों का आभार जताया और कहा हम आगे भी ऐसे वेबीनार करते रहेंगे जिससे हमारी आवाज जन-जन तक पहुंचे। उत्तर प्रदेश अध्यक्षा बहन प्रोफेसर डॉ अर्चना दुबे ने आभार व्यक्त करते हुए एक सुंदर मनमोहक भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया जिससे लोग आत्म विभोर हो गएl उन्होंने लोगों से आवाहन किया कि इस विधा से अधिक से अधिक लोग जुड़े जिससे हमारे समाज की भ्रांतियां और बीमारियां दूर हो सकें और हमारा भारत एक समृद्धशाली देश बन सके। इस बेबनार में पूरे भारत से सारांश पाठक, शेफाली, कुलवंत कौर, सतेंद्र, प्रीति बंसल, राजाराम प्रसाद, डॉ सचिन, प्रियांश, गुरविंदर कौर, सुमित कुंडू, अखिलेश जी ओमप्रकाश राजभर पूनम ,आशा ,सैनी जी एवं सरिता पटेल, किरण, सूर्यनाथ प्रजापति, राजेश जी, अभिषेक सीमा त्रिपाठी , सहित अनेकों लोग उपस्थित थे।