Wednesday, June 26, 2024
बस्ती मण्डल

शहीदो का उपहास न करे सरकार -तौआब अली

बस्ती।अटेवा के तत्वाधान में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरे प्रदेश में कोरोना शहीद शिक्षकों/कर्मचारियों को अपने घर व कार्यालयों में उपस्थित रहकर उन्हें श्रद्धांजलि दी एवं उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए विभिन्न मांगों हेतु ट्विटर पर अभियान चलाया। यह ट्विटर अभियान पूरे प्रदेश के जिले-जिले गांव-गांव से चलाया गया। वर्तमान में चल रही छुट्टियों के कारण अधिकतर शिक्षक अपने घर मे अपने गांव में है उन्होंने वहीं से अपने साथियों के लिए न्याय की माँग #JusticeForEmployees हैश टैग के माध्यम से किया।

अपने दिवंगत साथियों को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनके लिए सरकार से कुछ इस तरह की माँग किया साथ ही यह भी कहा कि शहीदों के परिवारों को ये लाभ अतिशीघ्र और तय समय के भीतर किया जाए, शहीद के परिवारों को ये लाभ दिए जाएं-
1- मृतक के परिवार को 1 करोड़ की सहायता राशि दी जाए,
2- परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
3- परिवार को असाधारण पेंशन की व्यवस्था हो।
4- उनके बच्चों को निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था सरकार के द्वारा किया जाए।
5- उसके ग्राम व मोहल्ले के नाम उस शाहिद कोरोना योद्धा नाम पर किया जाए।
अटेवा बस्ती के जिलासंयोजक तौआब अली ने बात करने पर बताया कि पूरे प्रदेश में शिक्षक कर्मचारियों ने बड़े ही गंभीरता के साथ अपने साथियों के लिए न्याय की माँग माननीय मुख्यमंत्री जी व माननीय प्रधानमंत्री जी से की। प्रदेश के शिक्षक कर्मचारियों को उनकी इस एकजुटता के लिए उन्हें साधुवाद देता हूँ और सरकार से यह अपील करता हूँ कि जनभावनाओं को देखते हुए मानवता के आधार पर कोरोना शहीदों के परिजनों को अतिशीघ्र न्याय दें और उनके लिए आम शिक्षक कर्मचारियों की भावना का सम्मान करें। शहीदो का उपहास न करे आज इतनी संख्या ,इतना पैसा ,इतना ही हो पायेगा ये क्या मजाक बना रखा है ।
जिला महामंत्री दीपक सिंह प्रेमी ने बताया कि आज का ट्विटर अभियान शहीदों को न्याय दिलाने पर आधारित था जिसमे सभी ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है यह दर्शाता है कि अटेवा अपने साथियों के साथ मजबूती से खड़ा है और उनके लिए आगे बढ़कर लड़ाई लड़ रहा है।
प्रदेशीय संयुक्त मंत्री बिजेंद्र वर्मा ने बताया कि ट्वीटर पर *#justiceForEmployees* अभियान अत्यंत सफल रहा, घंटो यह अभियान ट्रेंड करता रहा, जो इसकी सफलता को दर्शाता है, अब देखना यह है कि जिम्मेदार इसे कितनी गम्भीरता से लेते हैं।

 

बस्ती।अटेवा के तत्वाधान में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरे प्रदेश में कोरोना शहीद शिक्षकों/कर्मचारियों को अपने घर व कार्यालयों में उपस्थित रहकर उन्हें श्रद्धांजलि दी एवं उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए विभिन्न मांगों हेतु ट्विटर पर अभियान चलाया। यह ट्विटर अभियान पूरे प्रदेश के जिले-जिले गांव-गांव से चलाया गया। वर्तमान में चल रही छुट्टियों के कारण अधिकतर शिक्षक अपने घर मे अपने गांव में है उन्होंने वहीं से अपने साथियों के लिए न्याय की माँग #JusticeForEmployees हैश टैग के माध्यम से किया।
अपने दिवंगत साथियों को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनके लिए सरकार से कुछ इस तरह की माँग किया साथ ही यह भी कहा कि शहीदों के परिवारों को ये लाभ अतिशीघ्र और तय समय के भीतर किया जाए, शहीद के परिवारों को ये लाभ दिए जाएं-
1- मृतक के परिवार को 1 करोड़ की सहायता राशि दी जाए,
2- परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
3- परिवार को असाधारण पेंशन की व्यवस्था हो।
4- उनके बच्चों को निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था सरकार के द्वारा किया जाए।
5- उसके ग्राम व मोहल्ले के नाम उस शाहिद कोरोना योद्धा नाम पर किया जाए।
अटेवा बस्ती के जिलासंयोजक तौआब अली ने बात करने पर बताया कि पूरे प्रदेश में शिक्षक कर्मचारियों ने बड़े ही गंभीरता के साथ अपने साथियों के लिए न्याय की माँग माननीय मुख्यमंत्री जी व माननीय प्रधानमंत्री जी से की। प्रदेश के शिक्षक कर्मचारियों को उनकी इस एकजुटता के लिए उन्हें साधुवाद देता हूँ और सरकार से यह अपील करता हूँ कि जनभावनाओं को देखते हुए मानवता के आधार पर कोरोना शहीदों के परिजनों को अतिशीघ्र न्याय दें और उनके लिए आम शिक्षक कर्मचारियों की भावना का सम्मान करें। शहीदो का उपहास न करे आज इतनी संख्या ,इतना पैसा ,इतना ही हो पायेगा ये क्या मजाक बना रखा है ।
जिला महामंत्री दीपक सिंह प्रेमी ने बताया कि आज का ट्विटर अभियान शहीदों को न्याय दिलाने पर आधारित था जिसमे सभी ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है यह दर्शाता है कि अटेवा अपने साथियों के साथ मजबूती से खड़ा है और उनके लिए आगे बढ़कर लड़ाई लड़ रहा है।
प्रदेशीय संयुक्त मंत्री बिजेंद्र वर्मा ने बताया कि ट्वीटर पर *#justiceForEmployees* अभियान अत्यंत सफल रहा, घंटो यह अभियान ट्रेंड करता रहा, जो इसकी सफलता को दर्शाता है, अब देखना यह है कि जिम्मेदार इसे कितनी गम्भीरता से लेते हैं।