Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

चार वर्ष में 112-यूपी ने 93637 लोगों तक पहुंचायी मदद

बस्ती। पिछले चार वर्षों में 112-यूपी ने अपनी विभिन्न सेवाओं के माध्यम से बस्ती जिले में 93637 लोगों तक मदद पहुंचायी । इन चार सालों में महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों सहित समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए 112 ने विभिन्न योजनाओं / अभियानों को शुरू किया । माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में पुलिस सहायता के साथ अब एम्ब्युलेंस, अग्नि शमन वाहन, जीआरपी की सहायता भी 112 पर कॉल कर ली जा सकती है । महिलाओं को भयमुक्त वातावरण उपलब्ध करवाने के लिए महिला हेल्पलाइन 1090 और 181 से एकीकरण के बाद 112-यूपी की मदद का दायरा और बढ़ गया है ।

 

घरेलू हिंसा की रोकथाम प्राथमिकता

घरेलू हिंसा पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए 112 में पीड़ित महिलाओं का पंजीकरण किया जाता है. जिन महिलाओं को बार-बार घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ता है, वो पंजीकरण का लाभ उठा सकती हैं. ऐसी पीड़ित महिलाओं को पुलिस ‘प्रबल प्रतिक्रिया’ देती है. बस्ती जिले में घरेलू हिंसा के 11821 मामलों में पुलिस सहायता पहुचाई गयी. इसके अतिरिक्त रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अकेली महिला को अवागम के लिए 112-यूपी एस्कार्ट सुविधा उपलब्ध करवाता है.

 

 

 

बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा दे रही ‘सवेरा’

बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए 112-यूपी ने सवेरा योजना शुरू किया है. सवेरा के अंतर्गत अभी तक जिले में 4467 बुजुर्ग इस योजना का लाभ ले रहे हैं. स्थानीय थाने अथवा बीट के पुलिस कर्मी समय-समय पर योजना में पंजीकृत बुजुर्गों का हालचाल लेते रहते हैं. आवश्यकता पड़ने पर बुजुर्ग 112-यूपी अथवा स्थानीय थाने को फोन करते हैं तो उन्हे तत्काल सहायता उपलब्ध करायी जाती है.

 

एकीकरण से बढ़ा मदद का दायरा

महिलाओं की सुरक्षा और स्वावलंबन को ध्यान में रखते हुए हेल्पलाइन 181 और 1090 का 112-यूपी के साथ एकीकरण एक मील का पत्थर साबित हो रहा है. एकीकरण के बाद 181 या 1090 पर कॉल करने वाली महिलाओं को जल्द से जल्द पुलिस सहायता मिल रही है. 181 पर कॉल कर के महिलाएं सरकार की रोजगारपरक योजनाओं की जानकारी कर उनका लाभ उठा रही हैं. जिले में अब तक 724 महिलाओं ने इन हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल कर 112-यूपी की मदद ली है.

 

दुर्घटना या जीवनरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान

विभिन्न योजनाओं/सेवाओं के अतिरिक्त 112-यूपी की पीआरवी दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों के जीवनरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. चार वर्षों के दौरान विभिन्न दुर्घटनाओं में घायल 2428 लोगों को जिले की पीआरवी ने अस्पताल पहुँचाने तथा भेजने का कार्य किया है.