Tuesday, July 2, 2024
हेल्थ

ब्लैक फंगस के संक्रमण से बचाव में कारगर है होम्योपैथी-डॉ भास्कर शर्मा

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से अभी लोगों को राहत मिली भी नहीं है कि अब एक और खतरा सामने आकर खड़ा हो गया हैl कोरोना महामारी के बीच देश में एक नए जानलेवा रोग ने दस्तक दी हैl लोगों की जान का दुश्मन बन रही इस बीमारी का नाम म्यूकोरमाइसिस है, जिसे ब्लैक फंगस की कहा जा रहा हैl सिद्धार्थनगर के विश्व प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा से एक खास बातचीत

प्रश्न- ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस क्या है?

उत्तर -म्यूकोर्मिकोसिस, एक फंगल संक्रमण है lजो व्यक्ति कोरोना वायरस (Covid-19) के रोगी है या रिकवरी हुए है उनके अन्दर इस प्रकार का एक फंगल संक्रमण ज्यादा देखा गया है लेकिन यह किसी भी व्यक्ति को अपने चपेट में ले सकता हैlम्यूकोर्मिकोसिस मरीजो को बलैक फंगस का मरीज भी कहा जाता है l
प्रश्न -ब्लैक फंगस के सामान्य लक्षण क्या हैं?

उत्तर -हमारे माथे, नाक, गाल की हड्डियों के पीछे और आंखों एवं दांतों के बीच स्थित एयर पॉकेट में त्वचा के संक्रमण के रूप में म्यूकोर्मिकोसिस दिखने लगता हैlयह फिर आंखों, फेफड़ों में फैल जाता है और मस्तिष्क तक भी फैल सकता हैlइससे नाक पर कालापन या रंग मलिन पड़ना, धुंधली या दोहरी दृष्टि, सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई और खून की खांसी होती हैl
प्रश्न – ब्लैक फंगस कैसे होता है?

उत्तर -म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस, फंगल संक्रमण से पैदा होने वाली जटिलता हैlलोग वातावरण में मौजूदफंगस के बीजाणुओं के संपर्क में आने से म्यूकोर्मिकोसिस की चपेट में आते हैंl शरीर पर किसी तरह की चोट, जलने, कटने आदि के जरिए यह त्वचा में प्रवेश करता है और त्वचा में विकसित हो सकता हैl
प्रश्न -ब्लैक फंगस के चपेट में आने के क्या कारण है?

उत्तर -जैसा की आप जानते हैं कि ब्लैक फंगस दुनियां में तेजी से उभरता हुआ रोग है lजिस प्रकार कोरोना से रोगी मर रहें है उसी प्रकार सही समय पर इलाज नहीं कराया जाये तो रोगी को मृत्यु भी हो सकती है lएक ही वातावरण में विभिन्न प्रकार के व्यक्ति साँस लेते है lऐसे में हवा में फैल रहे रोगाणुओं से बच कर रहना है lअगर आप रोगाणुओं के संपर्क में आते है तो बलैक फंगस हो सकता है lआज के समय में बहुत सारे लोग ब्लड शुगर से परेशान है ऐसे में रजिस्टर्ड डॉक्टर से मिलकर सलाह करें और ब्लड शुगर को कम करें l जो व्यक्ति कोरोना वायरस से रिकवरी हुए है उनको ब्लड शुगर और मधुमेह पर ध्यान देना होगा l इसके अलावा लम्बे समय से हॉस्पिटल में भर्ती रहना, फंगल संक्रमण होने पर नजर अंदाज करना , स्टेरॉयड का इस्तमाल से इस चपेट में आ सकते है l
प्रश्न -कोरोना वायरस से पीड़ित रोगी को ब्लैक फंगस से कैसे बचे?

उत्तर -कोरोना वायरस से पीड़ित रोगी को हाइपरग्लाइसेमिया से बचना चाहिए ,खून से सुगर को कम करने दे,एंटीफंगल दवाओं का यूज डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें,डायबिटीज के रोगी को शुगर नियंत्रित करना चाहिए,शरीर में इम्युनिटी भोजन और रहन सहन से बढ़ाये , भरपूर मात्रा में पानी पिए ,स्वच्छता पर ध्यान दें l

प्रश्न – ब्लैक फंगस का कोविड-19 मरीजों से क्या संबंध है?

उत्तर -यह बीमारी म्यूकोर्मिसेट्स नामक सूक्ष्म जीवों के एक समूह के कारण होती है, जो पर्यावरण में प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं, और ज्यादातर मिट्टी में तथा पत्तियों, खाद एवं ढेरों जैसे कार्बनिक पदार्थों के क्षय में पाए जाते हैंlसामान्य तौर पर, हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ऐसे फंगल संक्रमण से सफलतापूर्वक लड़ती है, लेकिन हम जानते हैं कि कोविड-19 हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता हैl इसके अलावा, कोविड-19 मरीजों के उपचार में डेक्सामेथासोन जैसी दवाओं का सेवन शामिल है, जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया पर असर डालता हैlइन कारकों के कारण कोविड-19 मरीजों को म्यूकोर्मिसेट्स जैसे सूक्ष्म जीवों के हमले के खिलाफ लड़ाई में विफल होने के नए खतरे का सामना करना पड़ता हैl

प्रश्न -यह इंफेक्शन इतना खतरनाक क्यों है ?

उत्तर -यह जानलेवा इंफेक्शन है, जिसमें मृत्यु दर काफी ऊंची हैl म्यूकार (Mucor)से संक्रमित लोगों में मृत्यु दर लगभग 50 से 70% तक होती हैlअगर एक हद से ज्यादा संक्रमण फैल गया तो मरीज को बचा पाना असंभव होता हैlइसे और खतरनाक बनाती है इसके फैलने की तीव्र गतिl

” यह कैंसर की तरह व्यवहार करता है, लेकिन कैंसर को जानलेवा प्रभाव पैदा करने में कम से कम कुछ महीने तो लगते हैं जबकि इससे जान कुछ दिनों या कुछ घंटों तक में जा सकती है”l
प्रश्न आपके होम्योपैथी में ब्लैक फंगस से बचाव में कौन सी औषधियों का प्रयोग किया जाना चाहिए?

उत्तर- आर्सेनिक एल्बम 30 बेसिलिनम 30, थूजा 30, कैल्केरिया कार्बनिका 30,अंतिम टार्ट 30, बेलाडोना 30 आदि होम्योपैथिक औषधियां लक्षण के अनुसार कारगर साबित होंगीl होम्योपैथिक औषधि का प्रयोग केवल पंजीकृत होम्योपैथी चिकित्सक के ही सलाह से औषधि का सेवन करेंl