Tuesday, July 2, 2024
हेल्थ

कोरोना काल मे भस्त्रिका प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाएं – डॉ नवीन योगी

बस्ती। विश्व संवाद परिषद योग और प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ नवीन सिंह ने बताया कि कोरोना काल में भस्त्रिका प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं, प्राणायाम मे जिस प्रकार लोहार धौंकनी को लगातार तेजी से चलाता है, उसी तरह लगातार तेजी से बलपूर्वक श्वास ली और छोड़ी जाती है। इसके लिए सुखासन में बैठ जाए। या किसी आराम अवस्था में बैठें लेकिन ध्यान रहे आपकी शरीर, गर्दन और सिर सीधा हो।
शुरू शुरू में धीरे धीरे सांस लें फिर बलपूर्वक सांस लें और बलपूर्वक सांस छोड़े।
यह क्रिया लोहार की धौंकनी की तरह फुलाते और पिचकाते हुए होना चाहिए।

अंत में श्वास छोड़ने के बाद यथासंभव गहरा श्वास लें। श्वास को रोककर (कुंभक) करें।
फिर उसे धीरे धीरे श्वास को छोड़े।
इस गहरे श्वास छोड़ने के बाद भस्त्रिका प्राणायाम का एक चक्र पूरा हुआ।
इस तरह से 10 चक्र करना चाहिए

भस्त्रिका प्राणायाम के नियमित अभ्यास करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इसको प्रतिदिन 10 से 15 मिनट तक करना चाहिए
भस्त्रिका प्राणायाम के नियमित अभ्यास करने से अस्थमा रोगियों के लिए बहुत ही उम्दा योगाभ्यास करने से अस्थमा कम ही नहीं होगा बल्कि हमेशा हमेशा के लिए इसका उन्मूलन हो जायेगा।

भस्त्रिका_प्राणायाम के नियमित अभ्यास करने से गले की सूजन में बहुत राहत मिलती है।

भस्त्रिका प्राणायाम के अभ्यास करने से जठरानल को बढ़ाता है, बलगम को खत्म करता है, श्वसन तंत्र और सीने की बीमारियों को दूर करता है।
भस्त्रिका प्राणायाम नाड़ी प्रवाह को शुद्ध करता है। सभी कुंभकों में भस्त्रिका कुंभक सबसे लाभकारी होता है।

भस्त्रिका प्राणायाम के सावधानियां

भस्त्रिका_प्राणायाम उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति को नहीं करनी चाहिए।
हृदय रोग, सिर चकराना,मस्तिष्क ट्यूमर, मोतियाबिंद, आंत या पेट के अल्सर या पेचिश के मरीजों के भस्त्रिका प्राणायाम नहीं करना चाहिए।