Tuesday, July 2, 2024
Others

पंचायत चुनाव कोरोना पर भारी: बिना मास्क लगाए प्रत्याशी समर्थक बांट रहे हैं प्रचार सामग्री, ग्रामीण दहशत में

बस्ती। जिले में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, बावजूद इसके पंचायत चुनाव कोरोना पर भारी है, प्रत्याशी सहित उनके समर्थक दिन रात प्रचार करने में जुटे हैं, कुछ प्रत्याशी के समर्थक समाज सेवी बिना मास्क लगाए प्रचार सामग्री बांट रहे हैं।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत जिले में 29 अप्रैल को मतदान होगा, जिसके चलते प्रत्याशी जोर.शोर से प्रचार में लगे हैं। चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। कहीं विकास कार्य तो कहीं स्वयं को ईमानदार प्रत्याशी बता रहे हैं, कोरोना काल होने के बावजूद मास्क चेहरे पर नही लगा रहे है और प्रचार कर रहे हैं।

कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर अब खतरनाक हो चली है। कोरोना के 100 से अधिक मामले सामने आने पर डीएम बस्ती ने 15 अप्रैल से नाइट कर्फ्यू का आदेश दे दिया है इसके बावजूद पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों एवं समर्थको का बगैर मास्क लगाये मतदाताओं को रिझाने से मतदाता कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए डर गए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशियों के समर्थको की फौज ने मतदाताओं को संकट में डाल दिया है अब इनके सामने संकट है वह चुनाव से खुद को अलग भी नहीं कर सकते हैं , ऐसे में गांवों में चुनाव प्रचार से कोरोना वायरस का खतरा बना हुआ है। चुनाव में प्रत्याशी समर्थक खुद कोरोना संक्रमित होने के साथ ही ग्रामीणों को भी संक्रमित कर सकते है क्योकि अधिकांश प्रत्याशी और समर्थक कोरोना गाइड लाइन का पालन नही कर रहे है जिले में कोरोना के मामलों में तेजी देखी गई है। पिछले साल भी होली के बाद से ही कोरोना की शुरुआत हुई थी।

तब लॉकडाउन लग गया था लेकिन इस बार पंचायत चुनाव हो रहा है। लॉकडाउन लगने की संभावना नहीं नजर आ रही है। पंचायत चुनाव के सभी पदों पर एक साथ और एक दिन में ही चुनाव हो रहा है। इसलिए उस एक दिन 29 अप्रैल को पूरा ग्रामीण क्षेत्र चुनाव में व्यस्त रहेगा। शहर में रह रहे कर्मचारी अधिकारी गांव गांव जाकर इसे संपन्न कराएंगे वहीं पिछले तीन दिनों से कोरोना संक्रमण के ग्राफ को देखते हुए जिले के ग्रामीण परेशान है । ग्रामीणो का कहना है कि कोरोना कितना भी बढ़ जाए, चुनाव टलना मुश्किल नजर आ रहा है। इसको लेकर मतदान कर्मी या अधिकारी जितना चिंतित हैं उतना प्रत्याशी नही। प्रत्याशियों की बेफिक्री से अधिकारी कर्मचारी और परेशान हैं।