Tuesday, July 2, 2024
क्राइम

पुलिस का कारनामा खाकी से उठा विस्वास दिल्ली में गिरप्तारी और बस्ती में मुठभेड़

बस्ती। जिले के परशुरामपुर थानाक्षेत्र में बदमाशो से हुई मुठभेड़ पर बात कुछ हजम नही हुई पुलिस के कारनामे से जनता का विस्वास खाकी से उठ गया है और पुलिस कुछ भी कर गुजरने को तैयार है वाहवाही के लिए।

https://www.facebook.com/1791164237813115/posts/2741765866086276/

बताते चले की उत्तरप्रदेश के बस्ती जिले की पुलिस इस समय जबरदस्त चर्चा में है हो भी क्यो ना कही महिला प्रकरण कही फर्जी मुठभेड़ जो लोगो में चर्चा क विषय बना हुआ है।14 मार्च को परशुरामपुर थाना क्षेत्र में हुए मुठभभेड़ पर सवाल कयी सवाल उठ चुके है दिल्ली से गिरप्तार हुए बदमाश बस्ती में हुई मुठभेड़ में घायल हो गये ये पुलिस की कहानी किसी के गले नही उतर रही है।मुठभेड़ की उच्च सत्तर पर जांच होगी तो कइयों पर गाज गिरेगी दिल्ली में हुई गिरफ्तारी को बस्ती जिला दिखाकर मुठभेड़ की बात बताई गयी।अब सवाल ये उठ रहा है अगर मुठभेड़ फर्जी है तो गोली मारना लग जाना क्या ये सब भी फिल्मिया अंदाज था।जिसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग से की गयी सीसीटीवी फुटेज के साथ।
दिल्ली से पकड़ कर थाना परसरामपुर, जनपद बस्ती में फर्जी पुलिस मुठभेड़ तथा पुलिस द्वारा अन्य फर्जी मुकदमे में फंसाने के आरोपों के सम्बन्ध में एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की है।
अपनी शिकायत में नूतन ने कहा कि उन्हें बस्ती के अनिल कुमार चौबे द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार बस्ती पुलिस ने उनके लडके सूरज चौबे को दीपक शुक्ला तथा अमित शुक्ला के साथ एम ब्लाक, मोहन गार्डन, नन्दलाल मंदिर, उत्तम नगर, दिल्ली इलाके से 13 मार्च 2021 को समय लगभग 14.00 बजे उठाया।
बस्ती पुलिस ने अगले दिन दावा किया कि दीपक शुक्ला को प्रातः 04.22 बजे पुलिस द्वारा एक मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया जिनके पास से 0.32 बोर के एक अदद पिस्टल तथा 2.जिन्दा व 3 प्रयुक्त कारतूस बरामद हुए जबकि सूरज की 15 फरवरी को गिरफ़्तारी दिखाई गयी।
नूतन ने कहा कि उन्हें इन लड़कों को दिल्ली से उठाये जाने के सम्बन्ध में 0.35 मिनट तथा 4.56 मिनट के 2 सीसीटीवी रिकॉर्डिंग दिए गए हैं, जिसमे एक सफ़ेद कार में तीन लड़कों को बारी-बारी बैठाया जाना साफ़ दिख रहा है।
अनिल चौबे के अनुसार ये तीनों लड़के सूरज चौबे, दीपक शुक्ला तथा अमित शुक्ला हैं।
नूतन ने इसे अत्यंत गंभीर और प्रथमद्रष्टया फर्जी पुलिस मुठभेड़ की सम्भावना बताते हुए आयोग को अपने स्तर से जाँच कराते हुए विधिक कार्यवाही कराये जाने की मांग की है।
अब देखना ये होगा कि दिल्ली से उठाकर बस्ती बताना,गोली मार देना,गोली लग जाना और असलहा दिखाने वाले होनहार,जाबांज पुलिस के जवान को ईनाम कब मिलेगा।