Wednesday, June 26, 2024
बस्ती मण्डल

जन जागरूकता से ही देश और समाज को नशामुक्त बनाया जा सकता है-सोनिया

संतकबीरनगर।(कालिन्दी मिश्रा) राजकीय कन्या इंटर कालेज की व्यायाम शिक्षिका सोनिया ने नो स्मोकिंग डे के अवसर पर बच्चो को बताया कि सबसे पहले हम सब मिल कर शपथ ले की सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाना है इसके साथ ही साथ आए हम सब मिलकर जन जारूकता अभियान के माध्यम से ,*नशा को मिलकर जड़ से नाश*,करे।
10 मार्च को पहली बार इसे 1984 में मनाया गया था धूम्रपान हमारे शरीर को खोखला बना देता है । आजकल धूम्रपान का शोक बहुत बढ़ा है।हर एक उम्र के लोग इसकी गिरफ्त में बहुत तेजी से आ रहे है। तम्बाकू का सेवन इस समय खाने पीने ओर मंजन करने मै उपयोग हो रहा है। तम्बाकू से होने वाले दुषपरिणामों सभी को पता है।किन्तु युवावस्था कि यह लत एक बार लगाने से बुढ़ापा तक बनी रहती हैं।
नो स्मोकिंग डे मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में धूम्रपान और तंबाकू के हानिकारक प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाना और देश के लोगों को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना।
तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना है। तंबाकू का सेवन हमारे स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालता है जिससे हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी तथा कई तरह के कैंसर हो सकते हैं। शुरुआती दौर लोग इसे शौक के रूप में इस्तेमाल करते हैं बाद में वह इनकी आदत के रूप में परिवर्तित हो जाता है। धूम्रपान की लत बहुत बुरी होती है स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होता है और हमारे शरीर में हानिकारक रसायन को छोड़ता है
अगर किसी कारणवश यह लत लग जाएं तो भी इसे सोने का छोड़ने का प्रयास करना चाहिए ।
तभी भारत देश की युवा पीढ़ी को नशे से बचाया जा सकता है । धूम्र पान की लत लगाने के बाद काफी दिक्कत आती है ।इसके लिए इच्छा शक्ति की आवश्यकता होती है पौष्टिक आहार के साथ ही नियमित व्यायाम भी धूम्रपान कि लत को छुड़ाने में मदद करते है । धूम्रपान से दूरी बना कर 80/ फ़ीसदी से अधिक बीमारियो से बचा जा सकता है आओर संपर्क में रहने वाले को भी बचाया जा सकता है। हमारा मुख्य उद्देश्य है कि शिक्षा के साथ समाज को भी स्वास्थ्य रखे । इस अभियान की मुख्य कड़ी हमारे देश के बच्चे हैं हम बच्चो के द्वारा घर ,घर ,जन जन, तक जन जागरूकता फैला कर भारत को नशा मुक्त बनाया जा सकता है।