Saturday, June 29, 2024
बस्ती मण्डल

समय और शक्ति का सदुपयोग करने वाला देव हैं- आचार्य धरणीधर जी महाराज

सन्तकबीरनगर।(कालिन्दी मिश्रा)विकास खंड साथा अंतर्गत ग्राम पंचायत अमरहा में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन अयोध्या धाम से आए कथा प्रवक्ता धरणीधर जी महाराज ने कहा की प्रभु ने अपने सन्मुख आई हुई गोपियों को धर्म उपदेश दिया पति में ईश्वर भावना रखने वाली नारी के यह लोक और परलोक दोनों सुधरते हैं ।जो स्त्री घर में ही रहकर भली-भांति गृहणी धर्म का पालन करती है। उसे पवित्र रहने की अनुकूलता रहती है । अपने पति, पति के संबंधी तथा अपने पुत्र पुत्रियों में ईश्वर की भावना रखकर उनकी सेवा में अपना तन-मन-धन को समर्पित कर दें। और परमात्मा का स्मरण करते रहे तो मंदिर में ना जाने पर भी अनायास ही उसे वह सद्गति प्राप्त होती है। जो योगियों को और संन्यासियों को मिलती है । सत्कर्म करने के बाद। नंद बाबा सो गए तो अजगर उन्हें निकलने लगा इसका अर्थ यह है । कि सत्कर्म करने के बाद जागृत रहना चाहिए सत्कर्म कर लेने के बाद लोग आत्म प्रशंसा प्रमाद निष्क्रियता में डूब जाते हैं। स्वाभिमान रुपी अगर उन्हें निगलने लगता है । रात्रि के समय जागने का अर्थ है स्वयं प्रभु की कृपा के कारण ही वह सब कुछ हो सका है। प्रभु ने ही मुझे निमित्त बनाकर वह सत्कर्म किया है ।श्री कृष्ण के रुक्मणी के संग विवाह की चर्चा करते हुए महाराज जी ने कहा जब साधारण जीव विवाह करने जाता है । तो काम आधीन होकर जाता है प्रभु तो गोपाल अर्थात वह इंद्रियों को नियंत्रण में रखने वाले हैं भगवान जितेंद्रीय बनकर विवाह करने जाते हैं शुद्ध मती के अंतः पुर में एक सदैव ब्राम्हण आता जाता था रुक्मणी ने उस ब्राह्मण से कहा मैं श्री कृष्ण से विवाह करना चाहती हूं। सात श्लोकों में रुक्मणी जी ने सुंदर पत्र लिखा गोविंद को वह पत्र प्राप्त हुआ। ब्राह्मण के द्वारा भगवान बड़ी सुंदर बारात लेकर आते हैं। बड़े ही सुंदर भाव से सभी भक्तों ने मिलकर के कृष्ण रुक्मणी विवाह महोत्सव को मनाया सुंदर झांकी का दर्शन कराया गया इस अवसर पर जटाशंकर पाण्डेय,कमलाकान्त पाण्डेय, इन्द्रदेव राय,फागु राय,
सतेन्द्र पाठक,रिंकु राय,जीत बहादुर पाण्डेय, सुभाष पाण्डेय, सचिदानंद शास्त्री, रविकांत पाण्डेय, राकेश पाण्डेय, विजय बहादुर पाण्डेय,समर बहादुर पाण्डेय, समेत तमाम लोग मौजूद रहे।