Saturday, May 18, 2024
साहित्य जगत

कोरोना महामारी में हमने…

कोरोना महामारी में हमने,
बहुत कुछ जीवन में सीख लिया।

दूर-दराज में रहकर भी,
अपनों में अपनापन देख लिया।

शुरू हुआ था जब कोरोना काल,
पड़ जाता बहुत बड़ा अकाल।

देश के बुद्धिजीवी समाजसेवियों ने,
दिन का भी एहसास ना होने दिया।

चलते-चलते पगडंडियों पर,
बेरहम राहगीरों को भरपेट भोजन दिया।

ना जाने कितनों ने सड़कों,
रेलवे ट्रैक को पर दम तोड़ दिया।

देशवासियों ने खूब संघर्ष किया,
संघर्ष एकता केबल कोरोना का अंत हुआ।

आ गया है स्वदेशी टीका,
नहीं रहेगा कोई नागरिक अछूता।

वैज्ञानिकों ने टीके के लिए,
अथक विराम संघर्ष किया।

कोरोना की वैक्सीन लगाएं,
भारतीय नागरिकता की फर्ज निभाएं।

आशीष कहता बीती जुबानी,
रचना समझो अपनी कहानी।

आशीष प्रताप साहनी
भीवापार भानपुर बस्ती
उत्तर प्रदेश 272194
86527591