Friday, July 5, 2024
साहित्य जगत

गीतकार हूँ….

गीतकार हूँ, गीतकार हूँ, 

जीवन का संगीतकार हूँ।

सुनो सत्य बतलाने आया,
सच्ची गीत सुनाने आया।
तुम जो हमसे रूठ गये थे,
तुमको पुनः मनाने आया।

शाश्वत, सुमधुर सम्बन्धों का,
मैं अलबेला प्रीतिकार हूँ।
गीतकार हूँ, गीतकार हूँ,
जीवन का संगीतकार हूँ।

वस्तु गयी परछाहीं है,
चारों ओर तबाही है।
जोर-ज़ुर्म की इस दुनिया में,
सच के लिए मनाही है।

पल-पल बुझती मानवता का,
आशावादी गीतकार हूँ।
गीतकार हूँ, गीतकार हूँ।
जीवन का संगीतकार हूँ।

दुनिया में समरसता आए,
जाति-धर्म बन्धन मिट जाए।
बहे प्रेम का निर्झर-निर्मल,
फिर यह धरा स्वर्ग बन जाए।

जीवन-तन्त्री में स्वर भर दूँ,
मैं ऐसा संगीतकार हूँ।
गीतकार हूँ, गीतकार हूँ,
जीवन का संगीतकार हूँ।

डाॅक्टर कृष्ण कन्हैया वर्मा
प्रवक्ता-हिन्दी
श्री शिव मोहर नाथ पाण्डेय किसान जनता इण्टर कालेज नगर बाजार बस्ती।