Tuesday, July 2, 2024
बस्ती मण्डल

सरयू नदी के पावन तट पर गौदान करते श्रद्धालु कुदरहा

कुदरहा/बस्ती। कुदरहा विकास क्षेत्र के सरयू नदी के नौराहनी घाट पर माघ मास के पवित्र महीने की अमावस्या को हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और गौदान कर पूजा अर्चना किया। माघ महीने के अमावस्या को ही मौनी अमावस्या कहा जाता है।
गुरुवार को सरयू नदी के नौरहनी घाट पर मौनी अमावस्या के मौके पर हज़ारो श्रद्धालुओ ने पवित्र नदी में श्रद्धा की डुबकी लगाई और गौदान करके गौ सेवा का वचन लिया ।
इस अवसर पर रामजानकी मंदिर कुदरहा के महंथ संतराम दस ने बताया की इस दिन मौन रखना, सरयू स्नान करना और दान देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। कुंभ का शाही स्नान भी इसी दिन होता है। ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन में प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में जहां-जहां भी अमृत की बूंदें गिरी थीं, उन-उन स्थानों पर यदि मौनी अमावस्या के दिन जप-तप, स्नान आदि किया जाए तो और भी पुण्यप्रद होता है। सतयुग में तप से, द्वापर में श्रीहरि की भक्ति से, त्रेता में ब्रह्मज्ञान और कलियुग में दान से मिले हुए पुण्य के बराबर माघ मास की मौनी अमावस्या में केवल किसी भी संगम में स्नान दान से भी उतना ही पुण्य मिल जाता है। इस दिन स्नान के बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान का महत्व है। इस दिन तिल दान भी उत्तम माना गया है। सरयू नदी के नौराहनी घाट पर क्षेत्र कुदरहा ,गायघाट ,लालगंज ,चरकैला, पिपरपाती,महादेवा ,मुंडेरवा आदि जगहों के हजारों श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में मौनी अमावस्या के अवसर पर डुबकी लगाई।