वसंतोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं
वीणापाणि शुभ वर दे
संसृति में संस्कृति की नाव
माँ तु फिर से चला दे
वीणापाणि शुभ वर दे !
माँ जग में है अज्ञान
मानवता है त्राहिमाम
चहुँओर अंधेरा
ज्ञान का दीपक तू जला दे
वीणापाणि शुभ वर दे !
माँ तू है हंस वाहिनी
माँ तू है पवित्र पावनी
माँ तू वर दे
दुख सबके हर ले
सबके अन्तर्मन को
निज सा निर्मल कर दे
वीणापाणि शुभ वर दे !
माँ तूने मुझे शव्द दिये
है चरणों में नमन तेरे
न कटुता हो वाणी में
मुझको निर्मल कर दे
झंकृत कर वीणा अपनी
जीवन को सफल कर दे
वीणापाणि शुभ वर दे !
अनुरोध कुमार श्रीवास्तव
बस्ती,उत्तर प्रदेश