सुल्तानपुर। विश्व पटल पर जनपद सुल्तानपुर का गौरव बढ़ाने वाले आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर की पुस्तक ग़ज़ल अभिलाष दर्द-ए-तन्हाई को रूष की अभिनेत्री ऐलीना टूटेजा खूब सराहा आपको बताते चलें कि भारतीय युवा कलाकार,(चित्रकार,लेखक,सिंगर एवं शिक्षक) चन्द्रपाल राजभर के द्वारा लिखित पुस्तक ‘ग़ज़ल अभिलाषा दर्द-ए-तन्हाई’ की भूरी-भूरी प्रशंसा की। यह ग़ज़ल पुस्तक मात्र एक साहित्यिक कृति नहीं, बल्कि एक अंतर्रात्मा की पुकार है, जिसमें लेखक ने अपनी गहन आंतरिक इच्छाओं, तन्हा लम्हों और जीवन के दर्द को एक प्रेरणादायक संदेश में ढाला है ।एलीना टुटेजा, जिन्होंने कई भारतीय हिंदी फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में उत्कृष्ट अभिनय किया है, उन्होंने कहा कि “यह किताब न केवल भावनाओं की गहराई को छूती है, बल्कि जीवन के संघर्ष में संबल और प्रेरणा भी देती है। यह एक कलाकार की आत्मा की आवाज़ है, जो सीमाओं से परे है।” वहीं आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर अब तक लगभग 600 गजलों का सृजन कर चुके हैं जिसमें दो-दो सौ पेज की दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं पहली पुस्तक ग़ज़ल अभिलाषा दर्द-ए-बेवफाई, दूसरी पुस्तक ‘ ग़ज़ल अभिलाष दर्द-ए तन्हाई ‘तीसरी आप्रकाशित पुस्तक अभिलाषा मोटिवेशनल ग़ज़ल है। वहीं एलीना टुटेजा द्वारा सराही गई पुस्तक खंड-2 संस्करण 2025 में प्रकाशित यह पुस्तक भारतीय साहित्यिक और सांस्कृतिक मान्यताओं को एक वैश्विक मंच तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम बन रही है। जब किसी विदेशी कलाकार द्वारा किसी भारतीय कृति की इस प्रकार सराहना की जाती है, तो वह भारत की भावनात्मक, सांस्कृतिक और रचनात्मक शक्ति का प्रमाण बन जाती है। चन्द्रपाल राजभर की यह रचना भारत के युवाओं को यह संदेश देती है कि एकाकीपन, दर्द, और अभाव भी सृजन की भूमि बन सकते हैं, यदि मन में कुछ कर गुजरने की ‘अभिलाषा’ है तो वह यह सिखाती है कि दर्द भी प्रेरणा बन सकती है और तन्हाई में भी एक नई शुरुआत की राह दिख सकती है। इस अंतर्राष्ट्रीय सराहना से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय भाषा, साहित्य और संवेदना अब केवल भारत तक सीमित नहीं, बल्कि वैश्विक पटल पर एक नई पहचान बना रही है।वहीं इसे यह समझा जाये कि भारतीय आत्मा की वैश्विक स्वीकृति है चन्द्रपाल राजभर द्वारा लिखित इस पुस्तक की थी की खुशी जनपद सुल्तानपुर के साथ पूरे देशवासियों को है
