Wednesday, October 9, 2024
धर्म

शुभ योगों का प्रभाव होने से मंगला गौरी व्रत के शुभ लाभ प्राप्त होंगे।

भगवान शंकर यानि भोलेनाथ को ज‍िस तरह सावन के सोमवार अत्‍यंत प्र‍िय हैं। ठीक उसी प्रकार देवी मां पार्वती को भी सावन महीने के मंगलवार अत्‍यंत प्र‍िय हैं। ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री के अनुसार श्रावण में सोमवार के द‍िन भगवान शिव की पूजा से जहां मनचाहा आशीर्वाद, धन और निरोगी काया का फल मिलता है। वहीं सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत का पूजन करने से माता पार्वती की कृपा से अखंड सौभाग्‍य म‍िलता है।मंगला गौरी व्रत महिलाओं के लिए होता है। मां पार्वती ने इस व्रत को करके ही शिव जी को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था‌। यह व्रत वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए रखा जाता है। संतान प्राप्ति में बाधा को दूर करने और सुहाग और संतान की रक्षा के लिए भी यह व्रत रखा जाता है। यह व्रत करने से पति की दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री बातते है कि इस बार दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई को पड़ रहा है। सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को है। मंगला गौरी व्रत पर चार शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सुकर्मा योग, धृति योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग का निर्माण हो रहा है। शुभ योगों का प्रभाव होने से व्रत के शुभ लाभ प्राप्त होंगे। इस सावन के दूसरे मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद और शिवलिंग पर जल चढ़ाकर व्रत का आरंभ करना चाहिए। इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। माता पार्वती को अक्षत, कुमकुम, फूल, फल, माला और सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करनी चाहिए। इसके बाद धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं और सुखी वैवाहिक जीवन की लंबी उम्र की प्रार्थना करनी चाहिए इसके बाद मंगला गौर व्रत का पाठ करके पूजा संपूर्ण करनी चाहिए।

ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री के अनुसार सावन में आने वाले सभी मंगला गौरी व्रत रखने और इस दौरान किए गए कुछ खास उपायों से वैवाहिक जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।मंगल दोषों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती का वरदान मिलता है। आज के दिन दो मुट्ठी दाल को लाल रंग के कपड़े में बांध लें और किसी जरूरमंद या गरीब को दान कर दें‌। इससे मंगल ग्रह शुभ होता है।
अगर किसी जातक को विवाह में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है तो मंगला गौरी व्रत के दिन मिट्टी के खाली पात्र को बहते हुए जल में प्रवाहित करने से लाभ होता है। किसी कुंवारी कन्या के अष्टम भाव में मंगल विराजमान होने पर रोटी बनाने से पहले उस पर ठंडे पानी के छिंटे डाल देने चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति का मंगल शांत होता है। वैवाहिक जीवन में आ रही मुश्किलों से मुक्ति पाने के लिए हर मंगला गौरी व्रत के दिन ओम गौरी शंकराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए. इस मंत्र का जाप पूरे सावन माह भी किया जा सकता है।

ज्योतिष सेवा केन्द्र
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