Sunday, June 30, 2024
हेल्थ

स्वास्थ्य और पोषण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है परिवार नियोजन

गोरखपुर। नियोजित परिवार न सिर्फ आर्थिक तौर पर खुशहाली का आधार है बल्कि यह स्वास्थ्य और पोषण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है । परिवार नियोजन के साधन किशोर स्वास्थ्य, मातृत्व स्वास्थ्य, नवजात शिशु स्वास्थ्य और बाल स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाते हैं । उक्त बातें एडी हेल्थ डॉ आईबी विश्वकर्मा ने कहीं । वह परिवार नियोजन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मंडल के सभी चार जिलों के स्वास्थ्यकर्मियों के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे । उन्होंने कोविड काल में भी प्रदान की गयी परिवार नियोजन सेवाओं के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की प्रशंसा की। उन्होंने अपील की कि समुदाय के दिल में जगह बना कर पुरुष नसबंदी सेवा को सुदृढ़ करें।

एडी हेल्थ ने कहा कि परिवार नियोजन का आशय सिर्फ दो बच्चे होना नहीं है, बल्कि इसका बृहद अर्थ योजना बना कर ही बच्चे करना है । अगर शादी के दो साल बाद बच्चे की योजना बनाई जाए और बच्चे की योजना के ठीक दो माह पहले से ही माता द्वारा चिकित्सक से परामर्श लेकर आयरन कैल्शियम और फोलिक एसिड का सेवन किया जाए तो होने वाले बच्चे में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट जैसी बीमारी की आशंका कम होती है । इसी प्रकार जब दो बच्चों में तीन साल का अंतर रखा जाता है तो पहले बच्चे को मां का पर्याप्त दूध व देखभाल मिल पाता है और बच्चे के सुपोषित होने की संभावना ज्यादा रहती है। मां का पोषण स्तर भी बना रहता है । किशोरावस्था में परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता से असुरक्षित गर्भपात की घटनाओं और उनसे होने वाली मृत्यु को रोका जा सकता है । परिवार नियोजन के साधन एएनएम सब सेंटर से लेकर मेडिकल कॉलेज स्तर तक के सभी स्वास्थ्य इकाइयों में उपलब्ध हैं। लाभार्थी को बॉस्केट ऑफ च्वाइस में से मनपसंद साधन का चुनाव करना होता है । सभी साधन सरकारी प्रावधानों के तहत उपलब्ध कराए जाते हैं ।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डिवीजनल कार्यक्रम प्रबन्धक अरविंद कुमार पांडेय ने मंडल में परिवार नियोजन कार्यक्रमों की स्थिति के बारे में प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि एक पुरुष नसबंदी करवाने वाली आशा कार्यकर्ता को भी जिला स्तर पर पुरस्कृत कर प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है । परिवार नियोजन कार्यक्रम में सहयोग कर रही उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के चारों जिलों के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के क्षेत्रीय प्रतिनिधि भी इस मौके पर सम्मानित किये गये।

कार्यक्रम को संयुक्त निदेशक डॉ एके गर्ग, एंटीमियोलॉजिस्ट वीके श्रीवस्तव, रिजनल कोआर्डिनेटर कम्युनिटी प्रासेस राजीव रंजन और सीफार के क्षेत्रीय समन्वयक वेद प्रकाश पाठक ने भी सम्बोधित किया । इस अवसर पर डॉ कुसुम भारती, हसन और जावेद भी प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

ऑनलाइन होता है वितरण
कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले डिवीजनल फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर अवनीश चंद्र ने बताया कि परिवार नियोजन के सभी अस्थायी साधनों का वितरण पोर्टल के जरिये ऑनलाइन किया जाता है । अस्थायी साधनों में त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, माला एन, साप्ताहिक गोली छाया, इमर्जेंसी पिल्स, आईयूसीडी और पीपीआईयूसीडी जैसे साधन प्रमुख हैं । इनके उपयोग के पहले परामर्श भी दिया जाता है । स्थायी साधनों में पुरुष और महिला नसबंदी शामिल हैं । ऑनलाइन वितरण और डिमांड व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सम्मान मिला है। पुरस्कार वर्ष 2020-21 व 2021-22 में किये गये उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया ।

*इन्हें मिला सम्मान*
गोरखपुर जनपद से मिथिलेश सिंह, कमलावती देवी, नीलू गुप्ता, किरण, संध्या देवी, प्रीति राय, ज्योति, रीना, अवनीश चंद्र, बिनोद कुमार मिश्रा, देवरिया जनपद से रेशमा देवी, खुशाबून बेगम, राजकुमारी, निर्मला, मंजू देवी, रंजना देवी, पुराइसा खातून, संगीता गुप्ता, सुमित्रा यादव, मधु कुशवाहा, रीना देवी, फूलमती, संजय कुमार त्रिपाठी, राजेंद्र सिंह, कुशीनगर जनपद से ममता चौहान, पुनीता देवी, संजीव जायसवाल, शशांक दूबे, महराजगंज जनपद से तारा देवी, कतावरी, ममता पांडेय, सुनीता देवी, सुप्रिया मिश्रा, रोशनी सिंह, सोनिया साहनी, प्रतिमा त्रिपाठी, मुकेश कुमार त्रिपाठी और हेमेंद्र चौबे।

*गोरखपुर मंडल की उपलब्धियां*
साधन वर्ष 2020-21 में लाभार्थी वर्ष 2021-22 में लाभार्थी
पुरुष नसबंदी 201 227
महिला नसबंदी 23884 24010
आईयूसीडी 24829 41037
पीपीआईयूसीडी 28208 45251
छाया 73210 1.21 लाख
कंडोम 18.78 लाख 25.63 लाख
अंतरा 19367 44099