Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

फर्नीचर को कौन चलाये टाट पट्टी तक की व्यवस्था नहीं है ईंगलिश मीडियम स्कूल कठैचा में

बनकटी/बस्ती। पर्वेक्षण और कार्यवाही के अभाव में परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षक बेलगाम होकर अपने फर्ज से गद्दारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।जिससे पानी की तरह धन खर्च करने के बाद भी स्कूलों की दशा व दिशा सुधरने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे स्कूलों में बनकटी ब्लाक का प्राथमिक स्कूल कठैचा है। जो व्यवस्था को मुँह चिढ़ा रहा है।
18 जुलाई 2022 सोमवार को प्रेस टीम ने कठैचा स्कूल में दिन के दस बजे पहुँच कर जायजा लिया। जहाँ महिला प्रधानाध्यापक मन्जीता सहायक अध्यापक रामसिंह,शिक्षामित्र चन्द्र भान के अलावा दो रसोइया फुलवारी,और राधिका देवी तैनात हैं। लेकिन मन्जीता मौजूद नहीं थी। पूँछने पर शिक्षामित्र ने बताया कि अभी तक मंजीता स्कूल नहीं आई हैं। ब्लाक संसाधन केन्द्र बनकटी में खन्ड शिक्षाधिकारी ने सुबह नौ बजे से प्रधानाध्यापकों की मीटिंग बुलाई है। हो सकता है मन्जीता ने उस मीटिंग को एटेन्ड किया हो। सहायक शिक्षक रामसिंह कुछ आवश्यक कागजात लेकर बी.आर.सी.जा रहे हैं। यह सुनकर प्रेस टीम ने तत्काल मोबाइल से एस.डी.आई.से कहा कि मन्जीता स्कूल में नहीं हैं। शिक्षक उपस्थित पँजिका उन्होंने छिपा कर रख दिया है।जिससे जो उपस्थित हैं वे भी रजिस्टर में अनुपस्थित हो सकते हैं। इतना सुनते ही एस.डी.आई.ने नोडल संकुल इश्तियाक अहमद को तत्काल कठैचा स्कूल में भेजकर मौका मुआयना कराया तो प्रेस टीम की शिकायत की पुष्टि होने के साथ नियमविरुद्ध शौचालय में भी ताला लगा देखा गया। मिड्डे मील के रजिस्टर में 16 जुलाई को महज 05 बच्चों को दर्शाया गया जब कि रसोइयों ने बताया 50 बच्चों ने सोमवार को भोजन किया था।उसके पूर्व शुक्रवार 15 जुलाई को 57 बच्चों को भोजन करना दर्शाया गया है। जो संदिग्ध माना जा रहा है। क्योंकि कुल साठ बच्चे पंजीकृत हैं। जो पिछले वर्ष के सापेक्ष कम हैं। स्कूल में दो इन्डिया मार्का हैन्डपम्प है। जिसमें से एक जहाँ बेपानी है वहीं दूसरा रिबोर कराने के बावजूद प्रदूषित व बदबूदार पानी दे रहा है।ऐसे स्थित में पीने का पानी भी मयस्सर नहीं है।

भ्रष्टाचार का पर्याय बने इँगलिस मीडियम कहलाने वाले इस स्कूल में बच्चों के लिये फर्नीचर को कौन चलाये टाटपट्टी तक की व्यवस्था नहीं है।जिसे कोई पूँछने वाला नहीं है। बच्चों ने बताया कि महीने में सिर्फ दो दिन एक एक केला फल के रूप में मिलता है दूध सपने में भी नहीं मिला है। सिर्फ कहने के लिए ईंगलिश मीडियम है।जब कि ईंगलिश की शिक्षा नहीं है।
आरोप यह भी है कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका स्वयं गैरजिम्मेदाराना रवैये अपनाते हुये निर्धारित समय पर स्कूल पहुँचना अपना तौहीन मानती हैं त़ो अन्य शिक्षकों की बारे में कल्पना स्वयं किया जा सकता है। जिसके चलते पिछले शिक्षण सत्र में तत्कालीन एस.डी.आई.अनीता तिवारी ने मन्जीता को अनेक बार फटकार लगाते हुए चेतावनी भी दिया था। इसके बाद भी बदलाव नहीं हुआ।
सम्पूर्ण आरोपों के मामले में नवागत खन्डशिक्षा अधिकारी अरुण कुमार यादव ने बताया कि शीघ्र ही जाँच कर समस्या हल होगी।और मामले के गुनहगारों के विरूद्ध कार्यवाही होगी।