Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

अवधी लोक गीतों में दिखती है भारतीय संस्कृति की झलक- सुनील पाण्डेय

बस्ती/ अवधी लोक संगीत और लोक नृत्य में भारतीयता और भारतीय संस्कृति की झलक साफ दिखलाई पड़ती है। अवधी बोली में रचा गया राम चरित मानस पूरी दुनियां में अवधी भाषा का महत्व बढ़ा रहा है। यह बातें बनकटी ब्लाक के थरौली गांव में कल्चर फंक्शन प्रोडक्शन ग्रांट के तहत संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से ग्रामीण महिला कल्याण समिति द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत पारंपरिक अवधी लोकोत्सव एवं कार्यशाला के आयोजन के तहत लोक गायन व लोक नृत्य में मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुनील पांडेय ने कही।

विशिष्ट अतिथि अरविंद ने लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमो की विस्तृत सराहना की। वरिष्ठ वैज्ञानिक राघवेंद्र विक्रम सिंह ने कहा की पहले गांवो में सोहर , नकटा, परछन गीत आदि के जरिये आपसी हंसी ठिठोली संबंधों में मिठास बनाये रखने का काम करती थी लेकिन यह गीत अपना अस्तित्व खोते जा रहें हैं। इस दौरान पत्रकार अनुराग श्रीवास्तव, महेंद्र तिवारी, दिनेश पाण्डेय व अमर सोनी ने भी अपना विचार रखा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में लोक कलाकारों ने मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुतियों से दर्शकों को दिल जीत लिया।
इसमें विवाह लोकनृत्य, फरुआही, आदि की प्रस्तुति प्रकृति यादव , सुजीत नागवंशी, साक्षी, मुस्कान, काजल, संगमलता,अमित चंद्रा, चाँद, दिनेश कुमार नें दिल को छू लेने वाली प्रस्तुति दी। इस मौके पर लोक कलाकारों ने मनमोहक कला का प्रदर्शन किया। देर शाम तक चले इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में अवधी बोली में लघु भारत की छटा बिखेरी।
इस मौके पर फ़िल्म अभिनेता व विवेक पांडेय नें अवधी गीत प्रस्तुत किया जिस पर लोक कलाकारों सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दी। सांस्कृतिक बेला में अवधी कलाकारों ने अपने पारम्परिक नृृत्य से सभी का दिल जीत लिया। तूलिका, सलोनी गौतम, प्रियंका, लक्ष्मी, रेखा, प्रिया, विशाल, शिवराम आयुष, निहाल, सदाबृज, शारदा देवी, ने भोजपुरी गीतों की प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरीं। साथ ही बेटी बचाओं का संदेश देते हुए एक नाटक की प्रस्तुति दीं। कार्यक्रम में संस्था की सचिव बबिता गौतम, संजय गौतम, महेंद्र दूबे, राम मूर्ति मिश्र, अवनीश पांडेय, प्रिंस पाठक, आशुतोष शुक्ल, बृहस्पति पांडेय, सहित अनेकों लोग मौजूद रहे।