Tuesday, July 2, 2024
हेल्थ

विश्व धूम्रपान निषेध दिवस पर जन जारूकता

व्यायाम शिक्षिका सोनिया ने बताए तम्बाकू के दुष्परिणाम

संतकबीरनगर। राजकीय कन्या इंटर कॉलेज खलीलाबाद संत कबीर नगर की व्यायाम शिक्षिका सोनिया ने बच्चों से विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर ऑनलाइन पोस्टर प्रतियोगिता कि आयोजन की बच्चों ने पोस्टर के जरिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश की।
तंबाकू सेवन से हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की अकाल मौत होती है। इनमें से 7 मिलियन से अधिक प्रत्यक्ष तंबाकू के उपयोग करने के कारण मृत्यु को प्राप्त होते हैं, जबकि लगभग एक लाख से अधिक अप्रत्यक्ष धूम्रपान करने से मारे जाते है तंबाकू हर प्रकार से शरीर को नुकसान पहुंचाता है। तंबाकू सेवन का सबसे प्रचलित रूप सिगरेट है, लेकिन इसके अलावा बीड़ी, सिगार, घुलनशील तंबाकू, धुआं विहीन तंबाकू, हुक्का, खैनी और हाल ही में ई-सिगरेट का भी चलन है। अमेरिका और मिस्र जैसे देशों में हुक्का सेवन के लिए विशेष रेस्टोरेंट भी बनाये जाते हैं, जहाँ पर लोग प्रति घंटे के हिसाब से इसका सेवन करते हैं।
प्रतिवर्ष 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि तंबाकू के दुष्प्रभावों से लोगों को जागरूक किया जा सके और तंबाकू के व्यवसाय पर निगरानी रखने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस दिशा में कार्य किये जाते हैं और पूरी दुनिया में तंबाकू के दुष्प्रभाव से बचने के तौर-तरीकों का प्रचार-प्रसार किया जाता है
धूम्रपान करने से शरीर पर अनेक प्रकार के दुष्प्रभाव पड़ते हैं। इसके सेवन से जहाँ फेफड़े, बड़ी आंत, लिवर और मुंह के कैंसर होने की संभावना है, वहीं यह डाइबिटीज, हृदय रोग और रक्तचाप को भी बढ़ाता है। इसके सेवन से दाँत भी पीले अथवा भूरे होकर खराब होने लगते हैं और बालों से भी दुर्गंध आने लगती हैं। तंबाकू के धुएँ में पाई जाने वाली कार्बन डाई-ऑक्साइड गैस, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को घटाती है। तंबाकू में पाये जाने वाला निकोटिन मस्तिष्क और माँसपेशियों को प्रभावित कर रक्तचाप को बढ़ाता है। यह दिमाग को भी प्रभावित करती है और फेफड़ों में इसका धुआं म्यूकस कोशिकाओं को बढ़ाता है।

शरीर पर बुरा असर

इसी के साथ इसमें पाए जाने वाले रसायन मस्तिष्क में दृष्टि को संचालित करने वाले हिस्से को प्रभावित करते हैं जिससे आंखों की रोशनी कम हो जाती है। मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और डाइबिटिक रेटीनोपैथी जैसी बीमारियों के लक्षण पाए जाते हैं। तंबाकू के सेवन से तपेदिक ग्रस्त तथा गठिया होने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं, प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है। इतना ही नहीं, जो लोग इसका सेवन नहीं करते हैं, वह भी तंबाकू के धुएँ से प्रभावित होते हैं, व्यस्कों में कैंसर तथा हृदय रोग तथा बच्चों में श्वांस, कान तथा फेफड़ें भी ठीक प्रकार से कार्य नहीं करते।

वह पदार्थ जिसके सेवन से इतनी गंभीर बीमारियाँ फैलती हैं, उसके सेवन की रोकथाम के लिए अवश्य ही हमें ठोस कदम उठाने पड़ेंगे। जो लोग तंबाकू का सेवन करना प्रारंभ कर देते हैं, उनको तंबाकू सेवन की आदत पड़ जाती है और जानते हुए भी कि वह उनके लिए कितनी हानिकारक है, वह इसे छोड़ नहीं पाते हैं। आत्मविश्वास बढ़ा कर, योग, प्राणायाम, टहलना, संगीत आदि में अपना ध्यान लगा कर, मुँह में च्युइंगम, सौंफ, इलायची आदि का सेवन करके ही तंबाकू की आदत को छोड़ा जा सकता है।

इस तंबाकू निषेध दिवस पर आइए हम सभी एक संकल्प ले कि हम खुद जागरूक हो और दूसरों को जागरूक करे।