Monday, July 1, 2024
हेल्थ

प्रेगनेंसी टेस्ट कितने दिन में करें, जानें सही वक्त और तरीका – डॉ चंचल शर्मा

किसी भी दंपति के लिए सबसे खुशी का पल होता हैं, प्रेगनेंसी । यही से शुरु होती है, कपल की नई जर्नी। जब कपल इस यात्रा की शरुआत करने के बारे में सोचते हैं, तभी परिवार आगे बढ़ता है। लेकिन वर्तमान समय की दिनचर्या में कुछ कपल को किसी न किसी परेशानी के कारण गर्भधारण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिससे कपल का यह उत्साह निराशा में परिवर्तित हो जाता है।
बाद में उन्हें यही परेशानी फर्टिलिटी परिक्षण की ओर जाने को मजबूर कर देती है। जो उनके तनाव और चिंता को और बढ़ा देता है।
आज के इस माहौल में जहां महिला निःसंतानता इनफर्टिलिटी का कारण बनती हैं, तो वहीं, पुरुष निःसंतानता का पता लगना अक्सर दिल पर गहरी चोट लगने जैसा होता है, क्योंकि हमारे रूढ़िवादी समाज में इसे अक्सर नपुंसकता (इंपोटेंसी) के रूप में देखा जाता है।

आज हम बात कर रहें है। महिलाओं के एक ऐसे टेस्ट के बारे में जिससे महिला के गर्भवती होने का पता लगाया जाता है जिसे प्रेगनेंसी टेस्ट कहते है। इसके द्वारा महिला के गर्भवती होने या न होने की पुष्टि होती है। प्रेगनेंसी टेस्ट की खास बिन्दु हमें प्राप्त हुए हैं, आशा आयुर्वेदा की फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ चंचल शर्मा से, जिन्होंने प्रेगनेंसी टेस्ट से जुड़ी खास जानकारी प्रेसवार्ता के दौरान साझा की है।

पीरियड्स मिस होने के कितने दिनों के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए ?
फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ चंचल शर्मा का कहती हैं। कि यदि किसी महिला का साइकिल 28 दिनों की है। तो और आप 29वें दिन प्रेगनेंसी टेस्ट कर रही हैं। और आपको कंसीव हुआ है। तो प्रेंंगनेंसी पॉजिटिव जरुर आयेगी।
नार्मली महिलाओं को यही सलाह दी जाती है। कि पीरियड्स मिस होने के एक या दो दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। और प्रेगनेंसी हो जाने पर डॉक्टर का परामर्श जरुर लेना चाहिए। ताकि गर्भ में पल रहें गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
डॉ चंचल शर्मा इस लेख के माध्यम से सभी महिलाओं को सलाह देती है। कि आज के समय में महिला हो या पुरुष किसी का भी खानपान इतना अच्छा नही है। कि गर्भस्थ शिशु को अच्छा पोषण और आहार मिल सके। इसलिए प्रेंगनेंसी कंफर्म हो जाने के बाद अपने खानपान में बदलाव करके गर्भस्थ शिशु की सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि संभव हो सके को आप पोषण विशेषज्ञ की मदद भी ले सकती हैं। क्योंकि वह आपको आयरन, फॉलिक एसिड, विटामिन, खनिज एवं अन्य महत्वपूर्ण आहार की जानकारी आपको देगा। जिससे माँ एवं शिशु दोनों का स्वास्थ्य प्रेगनेंसी के दिनों में अच्छा बना रहेगा। ऐसा करने से गर्भस्थ शिशु का संपूर्ण विकास ठीक प्रकार से होता है। शिशु की सेहत में गुस्सा और तनाव को पूर्ण प्रभाव पड़ता है। इसलिए कोशिश करें। कि गुस्सा और तनाव को अपने जीवन में न आने दें। इसके लिए आप योग तथा ध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बना सकती है।