Sunday, July 7, 2024
बस्ती मण्डल

एक वर्ष में 72 कुष्ठ रोगी हुए स्वस्थ

बस्ती, 17 फरवरी 2022। जनपद में अप्रैल 2021 से अब तक 72 कुष्ठ रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। वह लोग अब आम लोगों की तरह सामान्य जीवन जी रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जागरूकता आने से के कारण अब लोग समय से जांच व इलाज को आगे आ करा रहे हैं | यही कारण रहा कि इस बार 30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलाए गए स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के दौरान केवल चार रोगी चिन्ह्ति हुए हैं। जागरूकता के साथ ही समय से जांच व व इलाज की सुविधा मुहैया कराकर कुष्ठ रोग को देश से समाप्त किया जा सकता है।

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि इस समय जिले में कुल 96 सक्रिय कुष्ठ रोगी हैं। इनको पंजीकृत कर इलाज कराया जा रहा है। कुष्ठ रोग विभाग के कर्मचारी इन रोगियों के संपर्क में रहकर लगातार फॉलोअप करते रहते हैं | इसका मूल मकसद है कि किसी मरीज की दवा का कोर्स बीच में ही बंद न होने पाए। संक्रामक बीमारियों में कुष्ठ रोग सबसे कम संक्रामक होता है। यह जीवाणु से होने वाली एक साधारण बीमारी है। 98 प्रतिशत लोगों में इस रोग से लड़ने की शक्ति होती है।
उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग का इलाज संभव है। अगर कोई इलाज नहीं कराता है या कोर्स बीच में ही बंद कर देता है तो रोग के कारण आगे चल कर उसे स्थायी दिव्यांगता का सामना करना पड़ सकता है। मेहनत मजदूरी करने वालों के लिए इससे बड़ी समस्या होगी।

दो प्रकार के होते हैं कुष्ठ रोगी
डॉ. गुप्ता ने बताया कि कुष्ठ रोग दो प्रकार का होता है। इसी के आधार पर रोगियों की श्रेणी तय की जाती है। एक श्रेणी पॉसी बेसिलरी होती है। इस प्रकार के रोगियों की दवा छह माह तक चलती है। दूसरी श्रेणी मल्टी बेसिलरी है, जिसकी दवा पूरे एक साल चलती है। सभी अस्पतालों में दवा पूरी तरह नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है।

सीएचसी/पीएचसी पर उपलब्ध है सुविधा
जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी/पीएचसी पर जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। अगर किसी को लक्षण दिखता है तो वह नजदीकी अस्पताल जाकर वहां तैनात एनएमए से संपर्क करें। चिकित्सक से जांच कराकर रोग की पुष्टि की जा सकती है | इसके बाद पंजीकरण कर इलाज शुरू किया जाता है।

यह हैं कुष्ठ रोग के लक्षण-
– शरीर के किसी हिस्से पर हल्का या लालिमा वाला दाग या चकत्ता ।
– हाथ या पैर में संवेदना का अभाव, सुन्नपन और स्नायुयों में कमजोरी।
– तेल लगी जैसी चिकनी चमकीली, मोटी और लालिमा जैसी त्वचा।
– कान की बालियों का मोटापन, भौंहों के बालों का झड़ना।
– शरीर पर गांठ का होना।