Friday, July 5, 2024
साहित्य जगत

अपील (कविता के माध्यम से)

 

माताओं और पिताओं से मैं प्यार मांगने आया हूँ।
अपने भाई-बहनों से अधिकार मांगने आया हूँ।

अपनी कर्मठता के बल पर मैं नई क्रांति लाऊंगा।
बस्ती के हर कण-कण को चमकाऊंगा, महकाऊंगा।

भागीरथ बनकर बस्ती में लाऊंगा विकास की गंगा।
वादा है कि नहीं रहेगा कोई भूखा कोई नंगा।

मैं आप लोग के बहुमत का औजार मांगने आया हूँ।
अपने भाई बहनों से मैं प्यार मांगने आया हूँ।

दुराचार, अन्याय, चतुर्दिक और व्याप्त है भ्रष्टाचार।
देखो हर प्राणी आहत है खाकर महंगाई की मार।

जाति धर्म से ऊपर उठकर करें हमारा प्रबल समर्थन।
आप सभी के श्रीचरणों में, है मेरा शत्-शत् अभिनंदन।

मैं आप सभी के भीतर का उद्गार मांगने आया हूँ।
अपने भाई बहनों का मैं प्यार मांगने आया हूँ।

श्रद्धेय डॉ0 वी0 के0 वर्मा का बेटा कहलाता हूँ।
जनसेवा का है भाव जगा, नफरत को दूर भगाता हूँ।

पिताश्री के पगचिन्हों पर मैं सदैव चलता आया।
और उन्हीं के संस्कार के ढांचे में ढलता आया।

एक डॉक्टर होकर जनसेवा मैनें, अपनाया है।
जन-जन में प्रेम मुहब्बत औ भाईचारा दिखलाया है।

मजबूत हाथ मेरा करिए हम काम आपके आएंगे।
बस्ती की पावन माटी को मस्तक पर सदा लगाएंगे।

मैं हर घर-घर से वीणा की झंकार मांगने आया हूँ।
अपने भाई बहनों से मैं प्यार मांगने आया हूँ।
अधिकार मांगने आया हूँ।

डा. आलोक रंजन वर्मा
B.S.P. प्रत्याशी
विधानसभा क्षेत्र 310 बस्ती सदर