Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

युवा साहित्यकार गौरव कुमार निगम राष्ट्रीय फलक पर कर रहे है जिले का नाम रोशन

बस्ती।हिंदी साहित्य में सदा चर्चित रहे बस्ती जनपद के युवा साहित्यकार अब राष्ट्रीय फलक पर जिले का नाम रौशन कर रहे हैं।

जनपद के हर्रैया तहसील गाँधीनगर के सेवानिवृत प्रधानाचार्य श्री केशव प्रसाद निगम के पुत्र गौरव कुमार निगम की सत्रह चुनी हुई कहानियों का कहानियों के दस्तख़त नामक कहानी संग्रह हाल ही में हिंदी के सर्वाधिक चर्चित प्रकाशन हिन्द युग्म नोयडा से प्रकाशित हुआ है।

इस पुस्तक में विषधर सुनसान सड़क के धंधे एक वादा था बाभन का आशीर्वाद जैसी उत्कृष्ट कहानियाँ सम्मिलित होने के साथ. साथ हिंदी भाषा संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा पुरस्कृत पतंग और पूरियां जैसी कहानी भी शमिल है।

हमारे संवाददाता से विशेष बातचीत में श्री निगम ने बताया कि कल्पना और सच से मिलकर निरंजनी भाषा में बुनी गयी यह सत्रह कहानियाँ मानव जीवन के अलग अलग आयामों का चित्रण करती हैं।

श्री निगम ने इस पुस्तक के अलावा ब्रांड प्रबंधन के विषय की भारतीय पौराणिक कहानियों के माध्यम से हिंदी में व्याख्या करते हुए इस विषय पर हिंदी की पहली पुस्तक ब्रांडसूत्र दृ ब्रांड प्रबंधन के भारतीय सिद्धांत को लिखाए साथ ही समान्तर साहित्य विधा में द ग्रेट सोशल मीडिया ट्रायलऔर द स्कैंडल इन लखनऊ जैसे प्रसिद्ध उपन्यास भी रचे हैं।

नए लेखकों के साथ साथ उद्यमिता को भी बढ़ावा देने के लिए श्री निगम ने ष्निगम ब्रांड मैनेजमेंट नामक ब्रांड कंसल्टेंसी की भी स्थापना की जो कि उद्यमियों को एक ब्रांड के रूप में स्थापित होने ने मदद करती है।

हिंदी साहित्य के संबंध में बात करते हुए श्री निगम ने इसे अपार संभावनाओं का क्षेत्र बताते हुए कहा कि आधुनिक बाज़ार और इन्टरनेट की सहज उपलब्धता हिंदी साहित्य और लेखकों के लिए अनेक नए अवसर लेकर सामने आये हैं। स्तरीय लेखन तक पाठक की आसान पहुँच अब लेखकों को नए विषयों पर लिखने के लिये प्रेरित कर रही है।

अपने लेखन के लिए गौरव कुमार निगम हिंदी भाषा संस्थानए उत्तर प्रदेश और वेस्टलैंड पब्लिकेशंस जैसी संस्थाओं से पुरस्कृत हो चुके हैंए और युवाओं को उद्यमिता और प्रबंधन के विषय में जागरुक करने के लिए विशेषज्ञ वक्ता के तौर पर विभिन्न कॉलेजों और संस्थाओं में आमंत्रित होते रहते हैं। जनपद के गणमान्य व्यक्तियों और साहित्यकारों ने श्री निगम को इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं दीं हैं।