Monday, July 1, 2024
देश

महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले में अपराधियो की गिरफ्तारी पर हो सकते है कई बड़े अपराधों के खुलासे

—धोखाधड़ी की नीयत से खोल रखी है कई दुकानें,

— एस. आर.एम. यूनिवर्सिटी राई के भी लाखों रुपये ठग चुके है ये बाप-बेटे
चंडीगढ़/सोनीपत। महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले में लाखो की धोखाधड़ी कर महिला पत्रकार व उस के परिवार को जान से मारने की धमकी देने वाले व महिला पत्रकार पर झूठे मुकदमे दर्ज करवा कर गिरफ्तारी के लिये पुलिस को 50,000/- की रिश्वत का ऑफर करने वाले बाप बेटे पुलिस के संरक्षण के चलते धोकाधड़ी की दुकानें धड़ेले से चला रहे थे। सूत्रों से पता चला है कि अपराधी बाप मुकेश पांचाल पानीपत जिले के सरकारी स्कूल में टीचर है जिस ने अपने अपराधी बेटे आशिष जो कि पुलिस की मिलीभगत से फ़रार है के साथ मिल कर साजिश के तहत महिला पत्रकार को 7 लाख रुपये 2 रुपये सैकड़ा ब्याज पर दिये थे यहाँ सवाल उठता है कि क्या हरियाणा के शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारी या अधिकारी बिना लाइसेंस के प्राइवेट फाइनेंसर का कार्य कर सकता है। ओर दूसरी ओर बाप बेटे ने साजिश रच कर वो रुपये महिला पत्रकार से धोकाधड़ी कर के गबन भी कर लिए जिन रुपयों का कई महीनों तक महिला पत्रकार से 14000/- रुपये ब्याज की गैर कानूनी तरीके से वसूली भी करते रहे । इसी साजिश के चलते मुकेश पांचाल ने महिला पत्रकार का एक अग्रिम चेक भी अपने पास दबा रखा है, महिला पत्रकार के जिस चेक को आज तक पुलिस ने अपने कब्जे में नही लिया है। जब की उस विवादित चेक का पूरा विवरण हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के आदेश पर गठित SIT की जांच के बाद ipc की धारा 406,420,467,468,471 के तहत इन बाप बेटो के खिलाफ़ दर्ज हुए मुक़दमा संख्या – 01 दिनांक 2/1/2020, सिटी थाना शहर सोनीपत जिस में हाइकोर्ट एक महीना पहले इन अपराधियो की गिरफ्तारी के आदेश कर चुका है, इस मुक़दमे में आया है जो कि पुलिसिया कार्यवाही पर बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है,अब तक पुलिस ने न तो इन बाप बेटो से महिला पत्रकार से गबन किए गए चेक को अपने कब्जे में लिया है और न ही गबन किये गए लाखो रुपए व लैपटॉप, इन सभी बातों को देखते हुए साफ तौर पर लगता है कि सोनीपत पुलिस राजनीतिक दबाव के चलते अपराधियों को किस हद तक संरक्षण दे रही है। दूसरा सूत्रों से यह भी पता चला है कि अपराधी मुकेश पांचाल ने अपने अपराधी बेटो के साथ मिल कर धोकाधड़ी की कई दुकानें जैसे कि सचिन केरियर एडवाइजर ,रिफकेयर होम्स,ए. एच्. टेक्निकल स्पोर्ट,ए. एच्. सोलुशन,रॉ मीडिया, इंडियन टीवी भी बना रखी थी, क्यो की महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले में बहुत बार इन सभी फ़्रॉड धंधों का जिक्र आया है, बड़ा सवाल क्या इन सभी धंधों को सरकारी मान्यता प्राप्त है, क्या इन सभी के GST नंबर है। इन बाप- बेटो को इतने सारे धंधे करने के पीछे का कारण ,क्या इन सभी के पीछे भी कोई स्केंडल तो नही है,पुलिस इस सारे मामले को क्यों दबाना चाहती है। सोशल मीडिया से प्राप्त जानकारी से पता चला कि कुम्भ मेला इलाहाबाद (2019) में फ़्रॉड इंडियन टीवी केस का मामला बहुत चर्चा में रह है। जिस की एक वीडियो भी वायरल हुई थी जिस में देश के वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने खुद इस स्केंडल पर प्रकाश डाला था।इन स्केंडल के पीछे भी इन अपराधि बाप – बेटो का हाथ हो सकता है। इस के साथ ही सूत्रों से यह भी पता चला है कि फ़रार अपराधी आशिष ने सहानुभूति पाने के लिए जिला न्यायालय व हाइकोर्ट में अपनी जमानत याचिका (जनवरी 2020) में अपने आप को एस. आर. एम. यूनिवर्सिटी राई का छात्र बताता था,जब कि यूनिवर्सिटी का कहना है कि ये अपराधी आशिष अक्टूबर 2019 में ही यूनिवर्सिटी छोड़ चुका है ओर यूनिवर्सिटी की लाखों रुपये की देनदारी इस पर बकाया है। यूनिवर्सिटी का यह भी कहना है कि अगर यह अपराधी अपने आप को यूनिवर्सिटी का छात्र बताया है तो आप इस के खिलाफ़ एक्शन ले सकते हो। इस सारे मामले की पुलिस को अच्छी तरह से छानबीन करनी चाहिए लेकिन पुलिस राजनीतिक दबाव के चलते महिला पत्रकार के इस मामले को दबा कर अपराधियों को संरक्षण देने में लगी है सायद इस के पीछे का यह कारण हो सकता है अगर इस मामले की पूरी छानबीन हो गई तो इन बाप बेटो के साथ साथ कई सफ़ेदपोश काले चहेरे सामने आ सकते है ।