Monday, July 1, 2024
हेल्थ

दस्तक अभियान में मिले 290 कुपोषित बच्चे, एनआरसी में होगा इलाज

– आशा कार्यकर्ताओं द्वारा अभियान के दौरान 4.14 लाख घरों में किया गया भ्रमण

बस्ती। दस्तक अभियान के दौरान कुल 290 कुपोषित बच्चों की पहचान की गई है। इन बच्चों का इलाज पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में कराया जाएगा। दस्तक अभियान में जापानीज इंसेफेलाइटिस (जेई), एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के साथ ही इस बार कुपोषित बच्चे, टीबी व फाइलेरिया के मरीजों की पहचान की गई है। अभियान के दौरान आशा वर्कर्स द्वारा चार लाख से ज्यादा घरों का भ्रमण किया गया। घरों तक पहुंचकर स्वास्थ्य शिक्षण संबंधी कार्य के साथ ही जागरूकता के लिए घरों पर स्टिकर भी चिपकाया गया ।

जिला मलेरिया अधिकारी आइए अंसारी ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह व दस्तक अभियान जुलाई में चलाया गया। दस्तक में कुल 4.16 लाख घरों के भ्रमण का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष 4.14 लाख घरों तक आशा कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर लोगों को एईएस व जेई के प्रति जागरूक किया। कोविड को देखते हुए सर्दी, खांसी व जुकाम वाले मरीजों की पहचान की गई। उन्होंने बताया कि बुखार के 706, सर्दी, खांसी व जुकाम के 693 मरीज चिन्ह्ति कर उन्हें दवाएं मुहैया कराई गई। इस दौरान टीबी के 144 व फाइलेरिया डिफार्विटी के 127 मरीज मिले हैं , जिनका पंजीकरण कराकर इलाज कराया जाएगा। इस दौरान 290 बच्चे जांच में कुपोषित मिले हैं।

नहीं मिला मलेरिया का मरीज

जिला मलेरिया अधिकारी श्री अंसारी ने बताया कि बुखार के 706 रोगियों में से लक्षण के आधार पर 300 की मलेरिया की जांच कराई गई। इसमें से किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं मिली है। जो 693 बुखार के रोगी मिले थे, उनमें से 574 की कोविड की भी जांच कराई गई। सभी की रिपोर्ट निगेटिव मिली।

3291 मातृ बैठकों का हुआ आयोजन

दस्तक अभियान के दौरान कुल 3314 मातृ बैठकों के लक्ष्य के सापेक्ष 3291 बैठकों का आयोजन किया गया। आशा व एएनएम द्वारा इन बैठकों में मातृ व शिशु स्वास्थ्य पर चर्चा की गई। कुल 1352 बैठकों का आयोजन कर वहां एईएस के बारे में बात की गई। लोगों को एईएस के लक्षण, बचाव व बीमारी की दशा में करीबी अस्पताल में मरीज को जल्द से जल्द पहुंचाने के बारे में विस्तार से बताया गया।