Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

अधिकारियों ने जल शक्ति मंत्री को हकीकत से रखा दूर,नही दिखाया टकटकवा गावं का ठोकर निर्माण कार्य

धन मिलने के बाद भी काम में शिथिलता क्यो?

दुबौलिया/बस्ती । सरयू नदी पर गौरा सैफाबाद तटबंध के बीच टकटकवा गांव के पास बनाए जा रहे तीन ठोकर अभी भी आधे अधूरे हैं ।जबकि मानसूनी बरसात की आहट हो चुकी है बाढ़ का कार्य खंड प्रथम बस्ती के अधिकारियों ने जल शक्ति मंत्री को बनाए जा रहे ठोकरो को दिखाने की जगह पर चांदपुर कटरिया बंधे का दिखा कर औपचारिकता निभाई है,।
सरयू नदी अपनी प्रकृति के अनुसार हर साल कटान करते हुए तटवर्ती गांव के किसानों की जमीन को अपने आगोश में समाहित करती आ रही है यही नहीं टकटकवा गांव का अस्तित्व खतरे में है गत बर्ष नदी के तीव्र कटान से टकटकवा गांव का अस्तित्व समाप्त होने के अंदेशे पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया था । बांध से सटे दक्षिणी छोर पर बसा टकटकवा गांव के कई लोग अन्यत्र ठौर की तलाश कर किसी तरह जीवन यापन कर रहे हैं गत वर्ष सरयू नदी का रूख टकटकवा , कैथवलिया की तरफ होने से गौरा सैफाबाद तटबंध के लिए खतरा बन गया है सरकार ने बाध को बचाने के लिए तीन ठोकरो के निर्माण की स्वीकृति देकर धन का आवंटन भी कर दिया लेकिन ठोकरों के निर्माण में शिथिलता बरती जा रही है जिससे कई गांव के किसान बाढ़ विभीषिका से आतंकित है।
जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह जब परियोजनाओं पर निर्माण कार्य का जायजा लेने का प्रोग्राम बनाया तब बाढ़ कार्य खंड बस्ती के अधिकारियों ने एक रणनीति के तहत कटरिया चांदपुर पर हो रहे बांध कार्य का अवलोकन करा कर अपने लेटलतीफी कार्यो पर पर्दा डालने का काम किया और गौरा सैफाबाद साइड का निरीक्षण ही नहीं कराया जिससे जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र पांडे को हकीकत की जानकारी ही नहीं हो सकी । बाढ़ कार्य खंड के अधिकारी बाढ़ आने का इंतजार करते हैं और करोड़ों के बजट को बाढ़ के दौरान सदुपयोग दिखाकर सरकारी धन का बंदरबांट करते चले आ रहे हैं उनकी इस कार्यशैली पर ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारियों को हम लोगों की तबाही से कोई लेना देना नहीं है और वह शासन को भी गुमराह कर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं अब तक करोड़ों रुपया सरयू नदी के पानी में बहा दिया गया और कटान पर कोई नियंत्रण नहीं हो सका जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने सरयू नदी मे ड्रेजिंग का कार्य करा कर धारा को मोड़ने की कार्ययोजना पर काम शुरू करा दिया है फिर भी कछार वासियों को सरयू नदी के कहर से कब निजात मिलेगी वह भविष्य के गर्त में है ।