Tuesday, July 2, 2024
बस्ती मण्डल

श्रीराम के राज्याभिषेक और यज्ञ पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न हुआ भण्डारा

गायघाट/बस्ती।जन्मभूमि, मातृभूमि ही देवभूमि एवं सबसे बड़ा तीर्थ है। श्रीरामचरितमानस में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के द्वारा की गई लीला से बड़ो का सम्मान, स्वयं की समीक्षा एवं ईमानदारी पूर्वक कर्तब्य पालन सहित हमें आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है।
श्री ब्रह्मदेव बाबा मन्दिर परिसर कोरमा में कथा के अंतिम पड़ाव में अयोध्याधाम से आये पं प्रदीप शास्त्री जी महराज ने कहा कि माता शबरी से बिदा लेकर प्रभु श्रीराम की भेट किष्किन्धा पर्वत पर बिप्र रूप धारी हनुमान जी से होती है। बालि का बध कर दुखी सुग्रीव का राज्याभिषेक करते है। माँ सीता की खोज में हनुमान जी समुद्र पार करते हैं। रास्ते में देवताओ द्वारा हनुमान जी के बल पौरुष की परीक्षा होती है। लंका में प्रवेश करने पर रामभक्त बिभीषन से भेट होती है। अशोक वाटिका में माँ सीता जी का दर्शन कर लंकावासियो का मानमर्दन कर लंकादहन करते है। लंकापति रावण द्वारा अपमानित होने पर बिभीषन श्रीराम की शरण में जाते है। हठयोगी रावण संसार सागर से राक्षस प्रबृत्ति के लोगो को मोक्ष दिलाने हेतु भयंकर युद्ध करता है। बिभीषन का राज्याभिषेक कर प्रभु अवधधाम पधारते है। गुरु बशिष्ठ द्वारा भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक होता है। सप्तऋषि देव गंधर्व आदि फूलो की बर्षा करते है। कथा के दौरान बच्चों द्वारा श्री राम के राजा विषय की झांकी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा।
कथा में यज्ञाचार्य वृजराज शास्त्री, मुख्य यजमान ठाकुर शरण ओझा, जयकरन ओझा, अभिषेक पाण्डेय, नन्ना पण्डित, शिवाकान्त पाण्डेय, प्रमोद ओझा, धर्मेन्द्र कुमार चौधरी, धर्मेन्द्र पटेल, दिनेश राजभर, मुन्ना लाल चौधरी, शीतला ओझा, श्रीपति ओझा आदि उपस्थित रहे।
चित्र परिचय –
1 – कोरमा में श्री रामकथा कहते पं प्रदीप शास्त्री
2 – रामकथा के दौरान राज्याभिषेक की आकर्षक झांकी