Sunday, July 7, 2024
बस्ती मण्डल

लैंगिक विभेद को रोकने के लिए जागरुक हो जनमानस -दिव्या मित्तल

संतकबीरनगर.(कालिन्दी मिश्रा) जिलाधिकारी दिव्‍या मित्‍तल ने कहा कि लैंगिक विभेद को दूर करने के लिए जनमानस को जागरुक होना होगा। समाज में व्‍याप्‍त भ्रान्तियों को दूर करके ही इसमें सफलता मिल सकती है। लिंग निर्धारण में अल्‍ट्रासाउण्‍ड सेण्‍टर भी मुख्‍य भूमिका अदा करते हैं। अगर किसी अल्‍ट्रासाउण्‍ड सेण्‍टर पर प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण का मामला सामने आया तो उस सेण्‍टर को तो सीज किया ही जाएगा, सेण्‍टर के संचालक की डिग्री भी निरस्‍त कर दी जाएगी। खा‍मी मिलने पर मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा तथा कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

यह बातें उन्‍होने प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण निगरानी समिति की बैठक को सम्‍बोधित करते हुए कही। इस समिति के समुचित प्राधिकारी / जिलाधिकारी दिव्‍या मित्‍तल ने आगे कहा कि जो भी अल्‍ट्रासाउण्‍ड सेण्‍टर हैं, वे अपना रिकार्ड मेण्‍टेन रखें, इसको किसी भी समय चेक किया जा सकता है। चेकिंग के दौरान अगर खामियां मिलीं तो कार्यवाही तय है।

इस अवसर पर एसीएमओ डॉ मोहन झा ने कहा कि अगर कोई अल्‍ट्रासाउण्‍ड सेण्‍टर किसी भी व्‍यक्ति का अल्‍ट्रासाउण्‍ड करता है तो वह उससे फार्म एल जरुर भरवाए तथा अपने रिकार्ड में रखे। साथ ही उसको आनलाइन भी करे। सारे रिकार्ड पूरी तरह से मेण्‍टेन होने चाहिए। अगर कोई भी रिकार्ड नहीं मिलता है तो कार्यवाही की जाएगी। अल्‍ट्रासाउण्‍ड सेण्‍टरों का निरन्‍तर समिति के लोग निरीक्षण करते रहेंगे। ताकि कहीं भी अव्‍यवस्‍था का माहौल न बन सके।

इस अवसर पर मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक ओपी चतुर्वेदी, महिला चिकित्‍सक डॉ उमा श्रीवास्‍तव, डॉ शशि सिंह, डॉ विजय कुमार गुप्‍त, के साथ ही साथ विभिन्‍न स्‍कूलों के प्रधानाचार्य, समाज के विभिन्‍न वर्गों के लोग तथा जिले के अल्‍ट्रासाउण्‍ड सेण्‍टरों के मालिक व अन्‍य लोग उपस्थित थे।

लिंग निर्धारण पर क्‍या कहता है कानून

अगर कहीं पर लिंग निर्धारण के लिए प्रेरित करने या फिर लिंग जांच की बात सामने आती है तो पीसीपीएनडीटी एक्‍ट 1994 के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसका उल्‍लंघन करने पर 50 हजार रुपए का जुर्माना तथा तीन वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं दूसरी गलती पर 1 लाख का जुर्माना तथा 5 साल की सजा का प्रावधान है।

महिलाओं व बालिकाओं के यह है योजना

जनपद में महिलाओं व बालिकाओं की सहायता के लिए स्‍वयं सहायता समूह, पंचायती राज में आरक्षण, तकनीकी प्रशिक्षण देकर स्‍वावलम्‍बी बनाने की योजना, किशोरी सशक्तिकरण स्‍कीम, कौशल विकास प्रशिक्षण, कौशल उन्‍न्‍यन, जीवन सुधार कन्‍या सुमंगला योजनाओं के साथ ही अन्‍य कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।

संतकबीरनगर में लैंगिक आकड़े

वर्ष 2018 में बालिका जन्‍मदर 2018 में जहां प्रादेशिक स्‍तर पर 918 थी तो वहीं जनपद स्‍तर पर 980 थी। वहीं 2019 में प्रादेशिक स्‍तर पर जन्‍मदर 926 थी तो जनपद स्‍तर पर 954 थी। जनगणना के अनुसार शून्‍य से 6 वर्ष तक के लिंगानुपात की स्थिति जनपद में 2001 की जनगणना में 941 थी तो 2011 की जनगणना में 942 पहुंच गई। इसमें 1 अंक की बढ़ोत्‍तरी हुई। वहीं समीपवर्ती जनपद बस्‍ती में 9 तथा सिद्धार्थनगर जनपद में 29 अंको की कमी पाई गई।