Saturday, May 18, 2024
विचार/लेख

विश्व की भाषा बने हमारी हिंदी-विशाल पाण्डेय

विचार/लेख।हिंदी हम भारतीयों की मातृभाषा है,जन्म लेने के बाद नवजात शिशु जिस भाषा मे बोलना शुरू करता है वही मातृभाषा कहलाता है।मातृभाषा जननी,जन्मभूमि के समान अत्यंत ही पवित्र और मातुल्य होता है,इसलिए वह पूज्यनीय भी होता है।

दुर्भाग्य बस हमारा देश कई सौ वर्षों तक परतंत्रता के बेड़ियों और विदेशी आक्रमणकर्ताओ से जूझता रहा,जिसमे शक,हूण, मंगोल से लेकर,मुगल और सात समुंदर पार से आये अँग्रेजी डकैतों का पूरा कुनबा ही शामिल रहा।

हमारे इस देश के भाई,भूमि, भाषा,भूषा, यानी हमारे संस्कारो को मिटाने की पूरी कोशिश की गई।जिसकी भी राज सत्ता आती गई,उसकी भाषा राज भाषा होती गई।अरब से आई अरबी,सात समुंदर पार से आया अंग्रेजी सलतानिया,और कागजी भाषा हो गई।

किंतु हम तब भी मजबूत थे,हमारे देव पूर्वजो ने अपने प्राणों की परवाह ना करते हुए,हिंदी में अंगेजो भारत छोड़ो, भारत माता की जय कर अपनी एकता और हिंदी भाषा की ताकत दुनिया को दिखा दिया था।

15 अगस्त 1947 को देश आजाद होने के बाद सभी को लगने लगा था कि हिंदी अब इस देश की प्रतिष्टित भाषा होगी। इसे राज्य भाषा का दर्जा मिलेगा,और सारे सरकारी कामो में इसका प्रयोग होगा,किंतु स्थिति तो कुछ और ही थी।
लोकतंत्र के नए राजाओ ने वोट की राजनीति के नाम पर जातिवाद, धर्म, भाषा की राजनीति शुरू कर दी,जिसके परिणाम स्वरुप हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का विरोध शुरू हो गया।दक्षिण भारत मे हिंदी के पोस्टर,और समाचार पत्रो का विरोध शुरू हो गया।

अंग्रेजी भाषा को जन समुदाय में सम्मानजनक स्थिति मिलने लगा।जिसके पीछे यह तर्क था कि तमाम शैक्षिक उपलब्धियों, शोध,उधोग,व्यापार के लिए अंग्रेजी में ही उपलब्ध है।
इसका नतीजा यह हुआ कि भारत मे स्थानीय भाषाओं के साथ साथ हिंदी का उपयोग ना होकर अंग्रेजी उपयोगी हो गया।

हिंदी भाषा मे रोजगार के अवसरों में भी कमी आ गई,जिसके नाते लगभग लोग अपने बच्चे को शुरू से ही अंग्रेजी पढाने लगे,धीरे धीरे अपने ही देश मे हिंदी उपेक्षित हो गई।

10 जनवरी 1975 में पहली बार विश्व हिंदी सम्मेलन हुआ था,इसलिए इस तारीख को विश्व हिंदी दिवस मना कर हिंदी की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी ने शुरुवात की थी।

विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी विश्व मे हिंदी भाषा के प्रचार,प्रसार,और प्रतिष्ठा के लिए समर्पित हैं, आज के दिन ना केवल भारत मे वरन विश्व के समस्त भारतीय दूतावास में मनाया जाता है।

हिंदी को विश्वव्यापक स्तर पर ले जाने के लिए भारत और दुनिया मे बसे हिंदी प्रेमियों को जमीनी स्तर पर काफी कार्य करने होंगे।
उन्हें हिंदी में रोजगार के तमाम अवसर देने होंगे,
हम सभी हिंदी भाषियों को शोध हिंदी में लिखना होगा,अन्य भाषाओं में उपलब्ध शोध ग्रंथो का,अभियंत्रिकी,चिकित्सा, का अनुवाद हिंदी में करना होगा,ज्यादा से ज्यादा हिंदी में रोजगारपरक अवसर उपलब्ध कराने होंगे,तभी हमारे विश्व हिंदी दिवस की साथर्कता होगी।