ट्रांसजेंडर विषय पाठ्यक्रम में हो शामिल:सीईओ
-नेशनल ट्रांसजेंडर डे
बस्ती। हाशिये पर पड़े और बंचित वर्गों को निष्पक्ष और सार्थक न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक समावेशी क़ानून प्रणाली को बढ़ावा देते हुए संस्था क़ानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
उपरोक्त बातें इन्दिरा चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा आयोजित कप्तानगंज के इंदिरा भवन पर तृतीय लिंग पहचान प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम में संस्था के सीईओ अजय कुमार पांडेय ने कहा ।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दायर रिट याचिका का फ़ैसला आज से 11 वर्ष पहले ट्रांसजेंडरों के पक्ष में उन्हें “तीसरा लिंग”के रूप में मान्यता देते हुए दिया था। इस निर्णय में केंद्र और राज्य सरकारों को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए सक्रिय कार्यवाही करने का भी निर्देश दिया गया था। कार्यक्रम में ट्रांसजेंडर सानिया और सीमा को तृतीय लिंग पहचान प्रमाण पत्र सीईओ द्वारा दिया गया ।ट्रांसजेंडर कल्याण के लिए गरिमा गृह,आयुष्मान भारत टीजी प्लस,पेंशन, विश्वविद्यालय स्तर पर आरक्षण छात्रावास जैसी तमाम सुविधाएँ सरकार की तरफ़ से दिया जाता है। यहाँ तक कि जेलो में भी इनके लिए अलग से शौचालय,स्नानगृह,बैरक के निर्देश दिए गए हैं।
संस्था के सीईओ अजय पांडेय ने कहा कि “ सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भारत में लैंगिक समानता की दिशा में एक प्रमुख क़दम है। समाज को ट्रांसजेंडरों के प्रति पूर्वाग्रह और भेदभाव रहित वातावरण तैयार करना चाहिए। ट्रांसफोबिया से बचने के लिए ट्रांसजेंडर विषय को राष्ट्रीय पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए जो कि सामाजिक न्याय और सुरक्षा की दिशा में भारतीय संविधान का सम्मान होगा”।
कार्यक्रम में सागर सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष,एडवोकेट शैलजाकुमार पाण्डेय, अभय पाण्डेय, एडवोकेट अशोक ओझा, कशिश, डॉक्टर दिनेश विश्वकर्मा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।