महाकुम्भ में मची भगदड़, दर्दनाक हादसे में कई श्रद्धालु ओ की मौत काफी हताहत
प्रयागराज। महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के लिए पहुंची भीड़ में भगदड़ मच गई. घटना में कई श्रद्धालुओं मौत होने की आशंका जताई जा रही है. हादसे में कई लोग घायल हैं. उन्हें स्वरूपरानी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात 1.30 बजे के आसपास की है. दरअसल, दूसरे शाही स्नान के लिए काफी संख्या में लोग संगम नोज पर मौजूद थे. इस दौरान अफवाह के चलते भगदड़ मच गई. महिला-पुरुष समेत तमाम लोग जमीन पर गिर गए. इसके बाद लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गए. इससे हालात बिगड़ गए. संगम तट पर से एंबुलेंस के जरिए घायलों को अस्पताल ले जाया गया. मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि अफवाह के कारण भगदड़ मची. 50 से ज्यादा घायल हैं.
इस घटना से संगम नोज पर अफरा-तफरी मच गई। हादसे के तुरंत बाद दर्जनों एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और मृतकों के शवों को वहां से ले जाया गया। घायल श्रद्धालुओं को मेला परिसर में बने केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मेले से कई एंबुलेंस लगातार शव लेकर शहर की ओर जाते रहे।
महाकुंभ क्षेत्र में भगदड़ जैसी स्थिति पर साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, ”यह एक दुखद घटना है। जो कुछ भी हुआ वह ठीक नहीं था। अखाड़ा परिषद ने जनहित को ध्यान में रखते हुए अपना अमृत स्नान रद्द करने का फैसला किया है। एकत्रित श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से अधिक है। मैं लोगों से अपील करती हूं कि पूरा मेला क्षेत्र कुंभ है, इसलिए वे केवल त्रिवेणी घाट ही नहीं बल्कि किसी भी घाट पर स्नान कर सकते हैं।”
बुधवार मौनी अमावस्या के मौके पर संगम तट पर भगदड़ मच गई। हादसे में कई श्रद्धालुओं की मौत हो जाने की बात सामने आ रही है। बचाव कार्य के लिए एंबुलेंस की 40 से अधिक गाड़ियां मरीजों को अस्पताल पहुंचा रही हैं। सुबह साढ़े सात बजे तक 31 एसआरएन अस्पताल स्थित मर्चरी में 31 लाशें पहुंच गई थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
मौनी अमावस्या स्नान के दौरान संगम नोज घाट पर भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया। सुबह साढ़े सात बजे तक 31 एसआरएन अस्पताल स्थित मर्चरी में 31 लाशें पहुंच गई थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। 200 से अधिक श्रद्धालुओं का उपचार चल रहा है। 40 से अधिक एंबुलेंस के माध्यम से घायलों और मृतकों को केंद्रीय अस्पताल लाया गया। परिजनों की चीख पुकार से संगम से लेकर महाकुंभ के केंद्रीय चिकित्सालय तक कोहराम मचा रहा। एंबुलेंस के सायरन पूरी रात गूंजते रहे। बेकाबू भीड़ को बैरिकेडिंग करके रास्ता रोकने के कारण हादसा होना बताया जा रहा है। मौके पर भारी पैमाने पर फोर्स तैनात कर दी गई है। फिलहाल स्नान जारी है। घटना से आक्रोशित अखाड़ों ने अमृत स्नान का बहिष्कार कर दिया है।
मौनी अमावस्या पर उमड़ी थी भीड़
स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि सभी अखाड़े 11 बजे से अमृत स्नान प्रारंभ करेंगे. महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा पहले संगम में स्नान करेंगे. कुल 13 अखाड़े हैं, जिनमें शैव, वैष्णव और किन्नर अखाड़ा शामिल हैं. सभी अखाड़े अमृत स्नान करते हैं. पहले से निर्धारित समय के अनुसार सुबह चार बजे से अखाड़ों का स्नान होना था, लेकिन एक दुर्घटना के कारण समय में बदलाव करते हुए इसे 10 बजे से प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है. सभी अखाड़ों का स्नान समाप्त होते-होते शाम हो जाएगी।
मौनी अमावस्या पर उमड़ी थी भीड़
महाकुंभ के अवसर पर मौनी अमावस्या से एक दिन पूर्व ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी. प्रयागराज की सड़कों और गलियों में हर ओर जनसैलाब है. रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी इतनी भीड़ है कि कहीं भी पैर रखने की जगह नहीं मिल रही है. मौनी अमावस्या के प्रति श्रद्धालुओं का उत्साह इतना प्रबल है कि वे हर प्रकार की कठिनाई सहन करने के लिए तत्पर हैं.
बसंत पंचमी पर तीसरा स्नान
सभी अखाड़े अब वसंत पंचमी के अवसर पर तीसरे अमृत स्नान के दिन खुशी-खुशी पवित्र स्नान करेंगे। इस वर्ष वसंत पंचमी का शुभ पर्व 3 फरवरी, सोमवार को मनाया जाएगा।