Sunday, May 5, 2024
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कोरोना का डबल अटैक! युवाओं को बना सकता है डायबिटीज का मरीज

कोरोना महामारी पूरी दुनिया में अपना पैर पसार चुका है। इस कोरोना संकट के कारण सामान्य जीवन भी काफी अस्त व्यस्त हो गई है। जानकारी के मुताबिक, कोरोना से न केवल लोगों की मौत हो रही है बल्कि डायबिटिज जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार भी कर रही है। जी हां, कोरोना महमारी से अब डायबिटीज का होने का भी खतरा बढ़ गया है। एक इंटरनेशनल स्टीज में पाया गया कि मात्र 19 साल का युवा वायरस के चपेट में आने के बाद डायबिटीज का भी शिकार हो गया। बता दें कि इस युवा का जब टेस्ट किया गया तब पाया गया कि उसके शरीर में वजन की कमी होने के साथ-साथ इंसुलिन की भी कमी पाई गई। इसको लेकर भारतीय डॉक्टर का कहना है कि कोरोना न केवल युवा को डायबिटीज का रोगी बना रहा है बल्कि जो पहले से ही इस बीमारी से जूढ रहे है उनके लिए भी खतरा बढ़ता जा रहा है।

इंटरनेशनल मेजिकल जर्नल मेटाबॉलिज्म में छपी एक केस स्टीज के मुताबिक इस महामारी के कारण शरीर के पेनक्रियाज पर काफी असर पड़ता है जिससे पेनिक्रियाज के बीटा सेल में बनने वाले इंसुलिन की क्षमता प्रभावित होती है जिसके कारण इंसान में या तो इसुंलिन बनना कम हो जाता है या तो बनने की श्रमता पूरी तरह खत्म हो जाता है। एम्स के डॉक्टर नीरज निशचल का कहना है कि कोरोना इंसान की पूरी बॉडी पर प्रभावित होता है जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। डॉक्टर के अनुसार, जिन्हें पहले से डायबिटीज है और वायरस के चपेट में आ जाते है तो ऐसे में इंसान का बचना न के बराबर हो जाता है। वहीं जो कोरोना से उबर गए है उन्हें अपना पोस्ट कोरोना इलाज कराना जरूरी है जिससे ये पता चल पाएगा की इंसान डायबिटीज के चपेट में तो नहीं आ गया है।

दिल भी हो सकता है कमजोर

मैक्स के ऐसे 10 केस आ गए है जो कोरोना से तो ठीक हो गए है लेकिन अब उनमें हार्ट की दिक्कत आने लगी है। बता दें कि वायरस शरीर के मसल्स तक पहुंच कर दिल को भी डैमेज कर रहा है। बता दें कि इसमें दिल पम्प करना कम कर देता है। मैक्स के कार्डियोलोजिस्ट डॉक्टर विवेक कुमार ने बताया कि कोरोना से पीड़ित 10 फीसदी मरीजों में हार्ट से सबंधित बीमारी का खतरा है। उन्हें कोविज से रिकवर होने के बाद भी हार्ट फेल्येर हार्ट अटैक का खतरा रहता है। ऐसे में पोस्ट कोविड चेकअप कराना जरूरी है जिससे वह अलर्ट रह सके।