Shri Ram Leela: बस्ती में चरित्र निर्माण की पाठशाला बनी सनातन धर्म संस्था
Along with Shri Ramlila Mahotsav, 400 children of two schools are being given self-defense training and education in building good character.
बस्ती। श्री रामलीला महोत्सव के साथ ही 2 विद्यालयों के 400 बच्चों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण व उत्तम चरित्र निर्माण की शिक्षा दी जा रही है।
सनातन धर्म संस्था बस्ती के द्वारा 04 नवम्बर से 11 नवम्बर तक करमा देवी शैक्षणिक संस्थान के फार्मेसी व स्नातक की पढ़ाई कर 250 बच्चों व एस पी चिल्ड्रेन्स एकेडमी के 150 बच्चों के लिए आयोजित चरित्र निर्माण शिविर में बालक व बालिकाओं के सर्वांगीण विकास हेतु, आत्मरक्षा के लिए शस्त्र आदि के प्रशिक्षण और उत्तम जीवन मूल्यों के लिए शास्त्रोक्त बौद्धिक विमर्श किया गया।
चरित्र निर्माण शिविर वह कार्यशाला है जहाँ से चरित्रवान, बलिष्ठ, सुसंस्कृत और अनुशासित युवकों व युवतियों का निर्माण होता है। इन्हीं तपे हुए नवयुवकों व नवयुतियों के कन्धे पर देश का भविष्य निर्भर है उक्त बातें बौद्धिक प्रमुख पंकज त्रिपाठी नें 08 दिवसीय चरित्र निर्माण शिविर के बौद्धिक सत्र में व्यक्त किया। उन्होंने बच्चों को ईश्वर, जीव, प्रकृति, भक्ष- अभक्ष पर विचार रखा और अनुराग शुक्ल नें श्रीमद्भगवत गीता के श्लोकों की व्याख्या कर बच्चों को गीता के सन्देश को जीवन मे उतारने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि देश में आज आवश्यकता है कि ऐसे शिविर वर्ष भर किसी न किसी विद्यालय में चलते रहें, आज पूरे देश में सनातन धर्म संस्था बस्ती जैसे संगठनों की आवश्कता है जो समाज को सही व नई दिशा दे सकता है। इन विद्यालयों में पढ़ रहे दूर दराज के गाँवों, शहर व विद्यालय के सभी कक्षाओं के बालकों व बालिकाओं को प्रशिक्षक विनय पँवार ने सर्वांग सुंदर व्यायाम, जूडो-कराटे का अभ्यास कराते हुए बताया कि यह अभ्यास बच्चों को अपने देश के लिए शक्ति का उपयोग करने की प्रेरणा देता है।
सनातन धर्म संस्था की तरफ से कैलाश नाथ दूबे नें शिविर की उपयोगिता और आवश्यकता बताई उन्होंने बताया कि सभी विद्यालयों के बच्चों का सर्वांगीण विकास ही सनातन धर्म सँस्था का उद्देश्य है। इस दौरान अखिलेश दूबे नें कहा कि समापन सत्र मे अर्धसैनिक बल के परेड की तरह प्रदर्शन, सीखी हुई समस्त विद्याओं का प्रदर्शन इन वीर बालक और बालिकाओं द्वारा किया जायगा।
उन्होंने बताया चरित्र निर्माण के इस शिविर में जहां शारीरिक शिक्षा प्राप्त कर तन से स्वस्थ रह सकेंगे वहीं योग, आसन व प्राणायाम सीखकर मन से भी सबल व स्वस्थ हो सकेंगे। यज्ञ का महत्व बताते हुए कर्नल केसी मिश्र नें कहा कि यज्ञ से शिविर के दौरान वीरों व वीरांगनाओं में आपसी प्रेम व भाईचारा तथा परस्पर सहयोग की भावना का विकास होगा। शुशील मिश्र और अनुराग शुक्ल ने अलग अलग दिनों में बच्चों को जीवन की सफलता के सूत्र भी बताये। इस अवसर पर सुधांशु, पूजा अग्रहरि भी सहायक प्रशिक्षक के रूप में उपलब्ध रहे।