Helth News: ‘‘लक्षणों के प्रति सतर्क रहें प्रवासी, बुखार हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं’’
Take medicine as per your wish and Physical activities can increase complications even after fever
गोरखपुर,दीपावली पर्व से ही प्रवासियों का घर आना शुरू हो गया है। ढेर सारे प्रवासी छठ पर्व पर भी गोरखपुर आ रहे हैं। उनके आगमन को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के प्रति उन्हें सतर्क किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा है कि डेंगू बुखार के लक्षणों के प्रति प्रवासी और उनके परिजन सतर्क रहें। लक्षण दिखते ही 108 नंबर एम्बुलेंस की सहायता से नजदीकी सरकारी अस्पताल पहुंचे। वहां पर जांच, इलाज और आवश्यकता पड़ने पर भर्ती कर इलाज करने की सुविधा भी उपलब्ध है। इस मौसम में अपने मन से दवा का सेवन, किसी मेडिकल स्टोर से खरीद कर दवा खाना और बुखार होने के बावजूद शारीरिक गतिविधियों को जारी रखना जटिलताएं बढ़ा सकता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में पिछले वर्ष 276 डेंगू के मरीज निकले थे। इस वर्ष भी करीब 112 मरीज मिल चुके हैं। डेंगू के प्रवासी मरीजों का समय से उपचार न होने पर उनके जरिये भी इस बीमारी के फैलने की आशंका है। डेंगू का वाहक एडीज मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद लगातार कई लोगों को काटता है, जिसके कारण इस बीमारी का प्रसार दर अधिक है। समय से संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर उनका इलाज शुरू हो जाए और वह मच्छरदानी में रहें तो उनके जरिये संक्रमण की आशंका कम हो जाती है । साथ ही बीमार व्यक्ति जल्दी ठीक हो जाता है। दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों के प्रवासी उन्हीं शहरों से और कई बार यात्रा के दौरान भी डेंगू से संक्रमित हो जाते हैं। ऐसे में लक्षण दिखने पर त्वरित जांच और इलाज आवश्यक है।
डॉ दूबे ने बताया कि अगर किसी को भी तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे तेज दर्द, हड्डियों में दर्ज और सुस्ती जैसे लक्षण आ रहे हैं तो उसे डेंगू भी हो सकता है । सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इस बीमारी की जांच और इलाज की सुविधा मौजूद है। शीघ्र पहचान होने पर चिकित्सक के परामर्श के अनुसार घर पर बेड रेस्ट करते हुए डेंगू से ठीक हो सकते हैं, जबकि देरी होने पर जटिलताएं बढ़ सकती हैं। जिन लोगों को एक बार डेंगू हो चुका है उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है । एक ही व्यक्ति में डेंगू का दूसरी बार संक्रमण अधिक गंभीर और लंबा हो सकता है। समय से बीमारी की पहचान और इलाज के जरिये बेहतर केस प्रबंधन के कारण ही प्रदेश में डेंगू की मृत्यु दर एक फीसदी से भी कम पहुंच चुकी है। गोरखपुर जिले में भी वर्ष 2017 से लेकर अब तक डेंगू से दो मौत हुई है, जबकि एक हजार से अधिक मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोगी और गर्भवती को इस बीमारी के प्रति अधिक सतर्क रहना चाहिए।
*छोटे जलस्रोतों की करें सफाई*
सीएमओ ने कहा कि जो लोग दीपावली के दौरान भी छोटे जलस्रोतों की सफाई करने से चूक गये हैं वह छठ पर्व की तैयारी के दौरान यह कार्य पूरा कर लें। पशुओं के पात्र, कूलर, फ्रीज ट्रे, टायर, गमले, नाद आदि में अगर एक चम्मच साफ पानी भी ठहरा रहा तो उसमें डेंगू के वाहक मच्छर पैदा होंगे। यही मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काट कर दूसरे को भी संक्रमित कर देंगे। दिन में लोग पूरी आस्तीन के कपड़े अवश्य पहनें।