Monday, July 1, 2024
बस्ती मण्डल

मनुष्य के भीतर दैवीय गुणों को जाग्रत करना ही इस वैदिक महोत्सव का मुख्य उद्देश्य है-ओम प्रकाश आर्य

बस्ती। आर्य समाज नई बाजार बस्ती का 48वें वार्षिकोत्सव वैदिक यज्ञ से प्रारम्भ हुआ। आर्य जगत के प्रसिद्ध विद्वान यज्ञ ब्रह्मा आचार्य सुरेश जोशी जी के सानिध्य में यज्ञ ऋतुअनुकूल सामग्री के साथ विधि विधान से सम्पन्न हुआ जिसमें ओम प्रकाश आर्य व घनश्याम आर्य सपत्नीक यजमान रहे। यज्ञ के पश्चात विदुषी रुक्मिणी आर्य के गीत संगीत एवं वेद के ध्वन्यात्मक लयबद्धता ने समस्त को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके द्वारा गाये गये गीत बन्धन से छूट जाऊं, हे नाथ यही वर दो’ ने श्रोताओं को आनन्दित किया। जप ले प्रभु के नाम अपना समय बर्बाद न कर गीत के माध्यम से उन्होंने ईश्वर के प्रति स्मरण भाव जागृत करने का प्रयास किया। वेदामृत के इस श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आचार्य सुरेश जोशी ने कहा कि लोग जब दुर्गुणी के पास जाते हैं तो वह दुर्गुणों को सीखता है। जब वह गुणी व्यक्ति के पास जाता है तो वह गुणों को सीखता है ।इसलिए व्यक्ति को सत्संगो में जाना चाहिए। सत्संग में जाने से व्यक्ति के अंदर समस्त गुणों का विकास होता है सत्संग से व्यक्तिके अन्दर सदाचार, संस्कार, तर्क विद्या, आत्मबल का विकास होता है। उन्होंने कहा कि आत्मा पानी की तरह है जिस तरह से पानी जिस रंग में डाला जाता है वह पानी उसी रंग का हो जाता है उसी प्रकार यह आत्मा भी जिन लोगों के सत्संग में रहता है उसी रंग में रंग जाता है। इसलिए सभी को परमात्मा के भक्ति के रंग में रंग जाना चाहिए जिससे उसका जीवन परम आनंद को प्राप्त कर सके। आर्य समाज नई बाजार पुरानी बस्ती के प्रधान श्री ओमप्रकाश आर्य जी ने कहा कि मनुष्य के भीतर दैवीय गुणों को जाग्रत करना ही इस वैदिक महोत्सव का मुख्य उद्देश्य है। वेद, शास्त्रों और हमारे मनीषियों की हमारे ऊपर बड़ी कृपा रही है कि जब जब हमारे भीतर का देवत्व सुषुप्त अवस्था में हुआ है तथा आसुरी वृत्तियाँ हमारे चित्त पर हावी होने लगी है तब तब कोई न कोई ऐसा वैदिक महोत्सव हमारे देवत्व का बोध करा जाता है। हमारी चेतना में सुषुप्त देवत्व को जागृत करना यह आज के यज्ञ प्रवचन का मुख्य उदेश्य है जिससे सत्कर्म करने की भावना जग जाए। सत्य के मार्ग पर चलने का भाव जग जाए, यही वास्तविक जगना है। उन्होने आम जनमानस को इस वैदिक महोत्सव में परिवार सहित आकर वेदामृत का आनन्द प्राप्त करने के लिए आमन्त्रित किया। कार्यक्रम में राधेश्याम, घनश्याम, देवव्रत आर्य, दिनेश मौर्य, अरविंद श्रीवास्तव, रामरती, फूलमती,शिव श्याम, अनूप त्रिपाठी, जय श्री,अवधेश, आदि लोग उपस्थित रहे ।
गरुण ध्वज पाण्डेय।