Monday, January 20, 2025
बस्ती मण्डल

किशोर और किशोरियों के यौन व प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान देना आवश्‍यक

संतकबीरनगर।अपर मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी व राष्‍ट्रीय किशोर स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम के नोडल डॉ मोहन झा ने कहा कि 10 से 19 वर्षके किशोर और किशोरियां,जो भारत की आबादी का लगभग पांचवा हिस्सा हैं, वे व्यस्क होने कीअपनी यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, आर्थिक औरजैविक परिवर्तनों से होकर गुज़रते हैं। उनके अनुभवों, उनके लिए उपलब्धसंसाधन और सहयोग, उनके व्यवहार, क्षमता और स्वास्थ्य पर आजीवनप्रभाव डालते हैं। उदया अध्‍ययन पॉपुलेशन काउंसिल द्वारा किया गयाअपने-आप का पहला लोंगीटूडिनल अध्ययन है जो बताता है कि उत्तरप्रदेश और बिहार जैसे राज्य में किशोर और किशोरियां कैसे व्यस्कता कीओर बढ़ रहे हैं। इस अध्ययन के पाए गए निष्कर्ष एक ऑनलाइन सेमिनारमें आज प्रस्तुत किए गए।

डॉ मोहन झा ने आगे बताया कि उदया अध्ययन में 20,000 से ज़्यादाकिशोर और किशोरियों का सर्वे किया गया जिसमें छोटी और बड़ी उम्र केलड़के, लड़कियां और विवाहित लड़कियां शामिल थी। यह अध्ययन पहली बार 2015-16 में 10 से 19वर्ष के किशोर और किशोरियों के साथ किया गया और फिर उन्ही किशोर और किशोरियों का पुनः साक्षात्कार 2018-19 में किया गया, जब वे13-22वर्ष के थे। इस अध्ययन कीशुरुआत भी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) को अपनाने के साथहुई जिससे इन तीन सालों के दौरान अध्ययन में शामिल किशोर और किशारियों की प्रगति को नापने का अवसर भी मिला। इस मौके पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में डिप्टी कमिश्नर (किशोर स्वास्थ्य) डॉ. ज़ोया अली रिज़वी ने कहा, “उदया अध्ययन द्वारा प्राप्तआंकड़े सरकार को उनकी नीतियों और उनके प्रभाव से संबंधित प्रमाण प्रदान करते है। आंकड़ों से स्पष्ट है कि लड़कों और लड़कियों दोनों के यौनऔर प्रजनन स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है।” अध्ययन के आंकड़ों को प्रस्तुतकरने के बाद किशोरावस्था पर होने वालेनिवेश को वरीयता देने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई ।कार्यक्रम के वक्ताओं नेइस बात पर ज़ोर दिया कि शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, लिंग, सामाजीकरण,डिजिटल साधन की उपलब्धी और जीवन यापन से जुड़े अवसर वे कारक हैं जो वयस्कता में एक स्वस्थ्य और उपयोगी जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।इस कार्यक्रम के वक्ताओं में किशोर स्वास्थ्य और कल्याण-कमीशन के चेयरमैन प्रो. जॉर्ज पैट्टन, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद मेंकिशोर शिक्षा कार्यक्रम की संयोजक प्रो. सरोज बाला यादव, विश्व स्वास्थ्यसंगठन में किशोर यौन और प्रजनन के वैज्ञानिक डॉ. वेंकटरमन चंद्रमौली,कटकथा पपेट आर्ट ट्रस्ट के श्रीअविनाश कुमार, डेविड एंड लूसिल पैकार्ड फाउंडेशन के श्रीआनंद सिन्हा और बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की डॉ प्रिया नंदा शामिल थी।